मुंबई, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । महाराष्ट्र के मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल ने शुक्रवार को लातूर में कहा कि ओबीसी आरक्षण को बचाने के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण को पाने के लिए बहुत लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है और लातूर में एक रिक्शा चालक भरत कराड ने ओबीसी आरक्षण की लड़ाई में अपनी जान दे दी। उन्होंने कहा कि वह भरत कराड के बेटे की शिक्षा की जिम्मेदारी उठाएंगे।
छगन भुजबल शुक्रवार को लातूर जिले के वांगदारी गांव में जाकर भरत कराड के परिजनों से मिले। इस मौके पर पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे मौजूद थे। वांगदारी गांव में रहने वाले भरत कराड ने मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण के कोटे से आरक्षण देने के लिए राज्य में हैदराबाद गैजेट लागू करने के शासनादेश के बाद गुरुवार को आत्महत्या कर ली थी। भुजबल और धनंजय मुंडे ने मृतक भरत कराड के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी।
इसके बाद छगन भुजबल ने कहा कि हमें आपको यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि हम क्यों आए हैं, हमारे भरत कराड ने ओबीसी की हर लड़ाई में मौजूद रहने का निश्चय किया था। हमारा ओबीसी आरक्षण कम नहीं होना चाहिए। भरत कराड जैसे कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। भरत ने आरक्षण को बनाए रखने के लिए संघर्ष किया। भुजबल ने फिर स्पष्ट किया कि वह मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण देने के विरोध में हैं। उन्होंने कहा कि हम लड़ेंगे, लेकिन हमें अपने परिवारों का भी ध्यान रखना है। आप लडऩे के लिए दृढ़ संकल्प के साथ आगे आएँ। हम लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ेंगे।
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(Udaipur Kiran) यादव
