नई दिल्ली के गुरुद्वारा मोती बाग साहिब से आज शुरु हुई है यात्रापवित्र ‘जोड़ा साहिब’ काे पटना के गुरुद्वारा में दर्शन के लिए रखा जाएगा
लखनऊ , 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पवित्र जोड़ा लेकर दिल्ली से शुरु हुई चरण सुहावे गुरु चरन यात्रा कई शहराें से हाेते हुए 27 अक्टूबर काे लखनऊ में रात्रि विश्राम करेगी। इसके बाद यात्रा कानुपर के लिए प्रस्थान करेगी और बाद में पटना में इस यात्रा का समापन हाेगा।
गुरु गोबिंद सिंह महाराज (दाहिने पैर का जूता, साइज़ 11 x 3) और माता साहिब कौर जी (बाएँ पैर का जूता, साइज़ 9 x 3) का पवित्र जोड़ा साहिब सिख समुदाय के लिए अत्यंत श्रद्धा व पावन का प्रतीक है । दसम पिता गुरु गोबिंद सिंह महाराज (खालसा पंथ के संस्थापक) और माता साहिब कौर के पवित्र जूते (जोड़ा साहिब) का यह जोड़ा तीन साै साल से भी पहले 1704 ईस्वी में आनंदपुर साहिब में पुरी परिवार के पूर्वजों को सौंपा गया था। तब से यह पुरी परिवार के पास रहा है, जिसे पीढ़ियों से सुरक्षित रखा गया है और सम्मान दिया गया। ‘जोड़ा साहिब’ के अंतिम संरक्षक सरदार जसमीत सिंह पुरी थे, जो करोल बाग में रहते थे। जिस गली में ‘जोड़ा साहिब’ रखे गए थे, उस घर की ओर जाने वाली गली का नाम, स्थान की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए गुरु गोबिंद सिंह मार्ग रखा गया था।
सरदार जसमीत सिंह पुरी के निधन के बाद, उनकी पत्नी मनप्रीत सिंह पुरी ने सरदार हरदीप सिंह पुरी (जो पुरी परिवार के सबसे बड़े पुरुष सदस्याें में से एक थे), से ‘जोड़ा साहिब’ को सुरक्षित रखने और भविष्य में सार्वजनिक श्रद्धा के लिए प्रदर्शित करने का अनुरोध किया। पवित्र ‘जोड़ा साहिब’ की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए, सरदार हरदीप सिंह पुरी ने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से संबंधित विशेषज्ञों से इसकी जांच कराने का अनुरोध किया था। संस्कृति मंत्रालय के सिख विद्वान की रिपोर्टों ने निष्कर्ष निकाला था कि यह वास्तव में विभिन्न ऐतिहासिक दस्तावेज़ों में उल्लिखित पवित्र ‘जोड़ा साहिब’ है और यह प्रामाणिक है । इस पवित्र जोड़ा साहिब का उल्लेख प्रसिद्ध सिख विद्वान भाई काहन सिंह नाभा ने वर्ष 1930 में लिखे गए गुरशबद रत्नाकर महान कोष में भी है। बाद में पवित्र जोड़ा साहिब की प्रामाणिकता स्थापित करने के लिए आईजीएनसीए ने कार्बन परीक्षण भी किया गया था। इसके बाद सरदार हरदीप सिंह पुरी ने पवित्र जोड़ा साहिब पर सही कार्रवाई की सिफ़ारिश करने के लिए प्रख्यात सिखों की एक समिति का भी गठन किया गया था। समिति ने विस्तार से विचार-विमर्श किया और सिफ़ारिश की कि पवित्र जोड़ा साहिब को सार्वजनिक दर्शन के लिए पटना साहिब गुरुद्वारे में रखा जाना चाहिए। समिति के सदस्यों ने अपनी सिफ़ारिश के साथ एक रिपोर्ट तैयार की। उन्होंने 16 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री से मुलाक़ात की और अपनी सिफ़ारिश प्रस्तुत की, जिसे उनके कार्यालय ने ट्वीट भी किया था ।
इसके अनुसरण में, सिख संगत में हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श आयोजित किए गए, जिनमें सरदार हरमीत सिंह कालका की अध्यक्षता वाली दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति और सरदार जगजोत सिंह सोही की अध्यक्षता वाली तख्त श्री हरमंदिर पटना साहिब शामिल थे। उन्होंने, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार के सभी संबंधित गुरुद्वारों के संपर्क किया, जिनके माध्यम से तख्त श्री हरमंदिर पटना साहिब में सार्वजनिक दर्शन के लिए पवित्र जोड़ा साहिब के अंतिम विश्राम से पहले एक यात्रा निकालने का प्रस्ताव रखा। इसी के तहत नगर कीर्तन गुरुद्वारा मोती बाग साहिब, नई दिल्ली से गुरुवार 23 अक्टूबर 2025 को सुबह 10 बजे से यह यात्रा शुरू हुई। यह यात्रा हरियाणा और उत्तर प्रदेश होते हुए दिल्ली से पटना तक जाएगी और पटना में ही यात्रा का समापन हाेगा।
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(Udaipur Kiran) / शिव सिंह