
कोलकाता, 21 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । काली पूजा की रात कूचबिहार में पटाखा फोड़ने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। आरोप है कि कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक द्युतिमान भट्टाचार्य ने अपने पड़ोसियों के घर जाकर महिलाओं और नाबालिगों के साथ मारपीट की। हालांकि, अधिकारी ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है और कहा है कि उन्होंने किसी के साथ हाथापाई नहीं की।
यह घटना सोमवार देर रात की है, जब कूचबिहार शहर के वार्ड नंबर नौ स्थित पुलिस अधीक्षक के बंगले के पास कुछ बच्चे पटाखे फोड़ रहे थे। उसी इलाके में अधिवक्ता मल्लिका कार्जी और उनके पति पार्थ राय रहते हैं, जो पेशे से एक स्कूल शिक्षक हैं।
मल्लिका कार्जी का आरोप है कि बिना किसी चेतावनी के पुलिस अधीक्षक द्युतिमान भट्टाचार्य कुछ पुलिसकर्मियों के साथ उनके घर के सामने पहुंचे और वहां मौजूद बच्चों और महिलाओं को पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें दिक्कत थी तो वे पहले चेतावनी दे सकते थे। क्या किसी महिला पर हाथ उठाना सही है? उन्होंने महिला पुलिस को क्यों नहीं बुलाया?
मल्लिका ने यह भी कहा कि वह इस घटना के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख करेंगी और न्याय की मांग के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी पत्र लिखेंगी।
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पुलिस अधीक्षक का पक्ष
पुलिस अधीक्षक द्युतिमान भट्टाचार्य ने सभी आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि काली पूजा की शाम से ही मेरे बंगले के पास पटाखे फोड़े जा रहे थे। मेरे गार्ड ने कई बार उन्हें मना किया, लेकिन वे नहीं माने। रात करीब एक बजे तक शोरगुल जारी रहा। मेरे पालतू कुत्ते तक डर के मारे चिल्लाने लगे। मैंने किसी को नहीं पीटा।
द्युतिमान ने आगे कहा कि वे यह भी दिखा सकते हैं कि उनके परिसर में तक पटाखे फोड़े गए थे। उन्होंने दोहराया कि किसी के साथ कोई मारपीट नहीं हुई।
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दोनों पक्षों के पास सीसीटीवी फुटेज
दिलचस्प बात यह है कि दोनों पक्षों का दावा है कि उनके पास घटना का सीसीटीवी फुटेज मौजूद है, जिससे सच सामने आ सकता है। हालांकि, अभी तक किसी ने भी थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
पुलिस और प्रशासन ने इस साल पटाखा फोड़ने का समय रात 10 बजे तक सीमित किया था ताकि प्रदूषण और शोर से लोगों को परेशानी न हो।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
