
बलिया, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । आजकल मौसम में अचानक हो रहे तेज बदलाव स्वास्थ्य की दृष्टि से किसी भी तरह अनुकूल नहीं है। दिन में चिलचिलाती धूप की गर्मी तो अचानक कभी-कभी हो रही बरसात के कारण बच्चों को तेज बुखार, सर्दी, खांसी, उल्टी और दस्त जैसी बीमारियां अक्सर परेशान कर रही हैं। इसलिए इस समय बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है।
जिला महिला अस्पताल स्थित प्रश्वोत्तर केंद्र पर तैनात वरिष्ठ नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ मणि दुबे ने बताया कि बदलते मौसम में बच्चों और वृद्ध जनों का स्वास्थ्य ज्यादा प्रभावित होता है। क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और वह मौसम और तापमान में अचानक हो रहे चढ़ाव उतार को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं।
जल जनित बीमारियों से बचाव ही उपाय
डॉ. दुबे ने बताया कि इस मौसम में जल जनित बीमारियां जैसे टाइफाइड, डायरिया, डेंगू, मलेरिया आदि के मरीज बढ़ जाते हैं। उन्होंने सलाह दी कि इससे बचाव के लिए पीने के लिए हमेशा उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ स्वच्छ पानी ही इस्तेमाल करें। पानी को ढककर साफ बर्तन में रखें ताकि पानी दूषित ना हो। बच्चों में खाना खाने के पहले और बाद, शौच के बाद नियमित हाथ धोने की आदत डालें। बाहर का खुला या बांसी खाना ना खाएं। पानी के स्रोतों को नियमित रूप से क्लोरीन टैबलेट का उपयोग कर साफ करें एवं घर के आसपास पानी जमा ना होने दें। इस मौसम में मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास गमले, कूलर, टायर आदि में पानी इकट्ठा न होने दे। बच्चों को पूरा तन ढकने वाले कपड़े पहनाए, मच्छर रोधी क्रीम, अगरबत्ती एवं मच्छरदानी का उपयोग करें।
संतुलित आहार ही बनेगा स्वस्थ जीवन का आधार
डॉ. दुबे ने बताया कि अभिभावक यह जरूर ध्यान दें कि बच्चों के भोजन में स्वच्छता और पौष्टिकता दोनों का समान औसत में होना अत्यंत आवश्यक है। बच्चों के भोजन में संतुलित आहार यानी कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन विटामिन और आयरन युक्त घर पर बना ताजा भोजन देने की आवश्यकता है। बाहर का बना हुआ मसालेदार एवं तैलीय भोजन बच्चों के पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है जिससे वह उल्टी और दस्त का शिकार हो सकते हैं। ऐसी किसी भी स्थिति में बच्चों को ओआरएस का घोल बनाकर पिलाना शुरू करें एवं नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक की सलाह लेकर उसका समुचित इलाज कराएं।
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(Udaipur Kiran) / नीतू तिवारी
