
नई दिल्ली, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दर को युक्तिसंगत बनाये जाने से देश में स्वच्छ ऊर्जा बदलाव को गति मिलेगी। मंत्रालय के तय लक्ष्य के मुताबिक 2030 तक 300 गीगावाट क्षमता और जोड़ने पर 1.5 लाख करोड़ रुपये तक की बचत हो सकती है। संशोधित जीएसटी दरें 22 सितंबर, 2025 से लागू होंगी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा मूल्य शृंखला में जीएसटी दरों को 12 से 5 फीसदी तक युक्तिसंगत बनाने से स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं की लागत कम हो जाएगी, जिससे बिजली ज्यादा सस्ती हो जाएगी और घरों, किसानों, उद्योगों एवं डेवलपर्स को सीधे लाभ होगा। यह सुधार अगले दशक में 5-7 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगारों को बढ़ावा दे सकता है, जिससे भारत का स्वच्छ ऊर्जा औद्योगिक इकोसिस्टम मजबूत होगा।
मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने से पीएम सूर्यघर के तहत रूफटॉप सोलर: मुफ्त बिजली योजना 3 किलोवाट सिस्टम के लिए 9,000-10,500 रुपये तक सस्ती हो जाएगी। पीएम-कुसुम के तहत किसान जीएसटी कटौती के साथ 10 लाख सौर पंपों पर 1,750 करोड़ रुपये बचाएंगे। इसके अलावा जीएसटी में कमी से मॉड्यूल और घटक लागत में 3-4 फीसदी की कमी आएगी, जिससे आरई उपकरण विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
मंत्रालय ने बताया कि यह भारत के 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को देखते हुए महत्वपूर्ण है। 31 अगस्त 2025 तक बड़े जलविद्युत संयंत्रों को छोड़कर लगभग 193 गीगावाट स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता थी। इसमें 123 गीगावाट सौर ऊर्जा और लगभग 53 गीगावाट पवन ऊर्जा शामिल है। इस ऐतिहासिक निर्णय से लाखों उपभोक्ताओं, किसानों, डेवलपर्स और निर्माताओं को सीधा लाभ होगा, साथ ही यह हरित विकास और ऊर्जा स्वतंत्रता के दोहरे लक्ष्यों में भी योगदान देगा।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
