Uttar Pradesh

बीएचयू के विकास के लिए तत्परता से कार्य करने की आवश्यकता : कुलपति

कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी

— कुलपति प्रो.अजीत कुमार चतुर्वेदी ने संस्थानों के निदेशकों, संकाय प्रमुखों तथा मुख्य पदाधिकारियों के साथ की बैठक

वाराणसी,06 अगस्त (Udaipur Kiran) । कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा है कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना एक उद्देश्य के साथ की थी। और इस महान संस्था के सदस्य होने के नाते उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हम सभी एक टीम की तरह कार्य करें। उन्होंने कहा कि हम सब पर महामना की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है और हम यह जिम्मेदारी तभी निभा सकते हैं, जब हम अपनी सर्वोत्तम क्षमता से संस्था की सेवा करें।

कुलपति बुधवार को केंद्रीय कार्यालय में विश्वविद्यालय के संस्थानों के निदेशकों, संकाय प्रमुखों एवं प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। इस बैठक में विश्वविद्यालय के विकास के लिए महत्वपूर्ण विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया, जिनमें अनुसंधान एवं विकास, नवाचार, सहयोग, छात्र कल्याण, शिक्षक चयन, विश्वविद्यालय की रैंकिंग सहित अन्य विषय शामिल थे। बैठक के दौरान निदेशकों और संकाय प्रमुखों ने अपने-अपने संस्थानों/संकायों की प्रमुख उपलब्धियों, प्रमुख पहलों एवं सामने आने वाली चुनौतियों की जानकारी कुलपति को दी। कुलपति ने इन चुनौतियों के समाधान के लिए सुझाव आमंत्रित किए और कहा कि चुनौतियों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए ताकि हमारे समग्र प्रदर्शन में और अधिक सुधार हो सके।

कुलपति ने विश्वविद्यालय के सदस्यों का आह्वान किया कि संस्था के समक्ष मौजूद चुनौतियों के समाधान के लिए तत्परता के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि तत्परता की भावना शीर्ष नेतृत्व से लेकर विश्वविद्यालय में विभिन्न स्तरों पर कार्यरत प्रत्येक सदस्य में होनी चाहिए। प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रमुख पदों पर कार्यरत तथा नेतृत्व की भूमिका में शामिल अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी टीम के अन्य सदस्यों में आशा और सकारात्मकता का भाव उत्पन्न करें।

विभिन्न क्षेत्रों में विश्वविद्यालय की प्रगति और उपलब्धियों को और अधिक उजागर करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कुलपति प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि सभी इकाइयों को एक-दूसरे का सहयोग और मार्गदर्शन कर चुनौतियों को पार करते हुए साझा लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार बहुत छोटे-छोटे बदलाव भी बड़े परिणाम ला सकते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि इस दिशा में पहल की जाए।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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