
रांची, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । कथा वाचक चैतन्य गुरु मां मीरा पुंदाग स्थित प्रणामी ट्रस्ट की ओर से संचालित सद्गुरु कृपा अपना घर आश्रम पहुंची।
इस मौके पर गुरु मां ने मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना कर नयनाभिराम शिल्पकला और दिव्य वातावरण की सराहना की। इसके साथ ही गुरु मां ने आश्रम निवासियों को स्वयं भोजन परोसकर खाना खिलाया।
मौके पर उन्होंने कहा कि यह मंदिर केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का जीवंत माध्यम है। इसके बाद उन्होंने अपना घर आश्रम का भ्रमण किया, जहां दिव्यांग, वृद्ध और निराश्रितजन सेवा और स्नेह की छाया में रहते हैं। वहीं मौके पर विशेष सत्संग को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सेवा, भक्ति और करुणा ही मानव जीवन का वास्तविक उद्देश्य है। भगवान केवल मंदिरों में नहीं, बल्कि उन चेहरों में भी हैं जो पीड़ा में हैं। उन्हें सहारा देना ही सबसे बड़ी पूजा है। उन्होंने ऐसे आश्रमों को समाज के लिए प्रकाश स्तंभ बताया और प्रत्येक व्यक्ति से सामर्थ्य अनुसार सेवा कार्यों में योगदान का आह्वान किया।
इस अवसर पर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, सचिव मनोज चौधरी, प्रवक्ता संजय सर्राफ और पुजारी अरविंद पांडे ने गुरु मां को अंगवस्त्र, राधा-कृष्ण की स्मृति चिन्ह और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
