
कोलकाता, 19 सितम्बर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की नियुक्ति को लेकर नया विवाद सामने आया है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने जिला स्तर पर सभी अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है, ताकि किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी या अस्थायी सरकारी कर्मचारी का नाम गलती से भी बीएलओ सूची में शामिल न हो।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि उत्तर 24 परगना जिले के हसनाबाद ग्राम पंचायत में तृणमूल कांग्रेस के अंचल अध्यक्ष रमेश चंद्र दास को बीएलओ नियुक्त कर दिया गया। अधिकारी के अनुसार, दास न सिर्फ तृणमूल कांग्रेस पदाधिकारी हैं बल्कि राज्य सरकार के स्कूल में अस्थायी सहायक शिक्षक भी हैं।
शुभेंदु अधिकारी ने इस चयन को दोहरी गड़बड़ी बताया। पहला, बीएलओ के लिए अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ है। दूसरा, किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी को इस संवेदनशील जिम्मेदारी देना सीधे तौर पर पक्षपात का संकेत है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस नियुक्ति में योग्य और स्थायी शिक्षकों की अनदेखी कर राजनीतिक पक्षधरता दिखाई गई है।
नेता प्रतिपक्ष की आपत्ति के बाद सीईओ कार्यालय सक्रिय हुआ और सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी-अपनी सूचियों की दोबारा जांच करें। जिन नामों में ऐसी गड़बड़ी पाई जाएगी, उन्हें तुरंत हटाने के आदेश दिए गए हैं।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बीएलओ जैसे महत्वपूर्ण पदों पर केवल निष्पक्ष और योग्य लोगों की ही नियुक्ति हो, ताकि चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता बनी रहे।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
