Jharkhand

हूल दिवस पर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने सिद्धो–कान्हो को दी श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि देते ट्रेड यूनियनों के सदस्‍य

रांची, 30 जून (Udaipur Kiran) । हूल दिवस के अवसर पर सोमवार को रांची स्थित सिद्धो–कान्हो पार्क में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र फेडरेशनों के संयुक्त मंच की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में मजदूर, कर्मचारी, किसानों के प्रतिनिधि, छात्र–युवा कार्यकर्ता शामिल सहित अन्‍य शा‍मिल हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत 1855 के हूल विद्रोह के महान योद्धाओं सिद्धो–कान्हो और अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई।

मौके पर वक्ताओं ने हूल विद्रोह को साम्राज्यवाद विरोधी, जमींदारी विरोधी, कंपनी राज विरोधी पहला सशस्त्र जनविद्रोह बताते हुए कहा कि आज फिर से सत्ता और पूंजी के गठजोड़ के खिलाफ, श्रमिकों और किसानों को उसी आत्मबल और एकता की जरूरत है।

इसके बाद मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं की प्रतीकात्मक प्रतिलिपि को आग के हवाले किया गया। वक्ताओं ने कहा कि यह श्रम संहिताएं मज़दूरों को उनके ऐतिहासिक अधिकारों से वंचित कर, पूंजीपतियों के मुनाफे को संरक्षण देती हैं। यह नई औपनिवेशिक गुलामी थोपने का प्रयास है।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि यह केवल कानून का दहन नहीं, बल्कि एक व्यापक आन्दोलन की चेतावनी है। यह संघर्ष हूल विद्रोह की विरासत को आगे ले जाने का प्रयास है।

कार्यक्रम में नौ जुलाई को प्रस्तावित देशव्यापी मजदूर हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लिया गया।

कार्यक्रम को एक्टू के शुभेंदु सेन, मोहन दत्ता, सीटू के अनिर्बान बोस, प्रतीक मिश्रा, एटक के सच्चिदानंद मिश्रा, किसान सभा के सुखनाथ लोहरा, बीरेंद्र कुमार, बेफी के केआर चौधरी ने संबोधित किया।

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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak

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