
देहरादून, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसून सीजन 2025 में राज्य को हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति के लिए केन्द्र सरकार से स्पेशल पैकेज प्राप्त किए जाने को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने कवायद तेज कर दी गई है।
बुधवार से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से मानसून सीजन 2025 में राज्य को हुई क्षति के वास्तविक आकलन के लिए पीडीएन यानी पोस्ट डिजास्टर नीड्स एसेसमेंट की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
शनिवार को उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में जिलाधिकारियों, विभिन्न विभागाध्यक्षों के साथ पीडीएनए व एसडीआरएफ मद में आच्छादित और अनाच्छादित क्षति का विवरण उपलब्ध कराने के संबंध में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में एसडीआरएफ के लेटेस्ट नार्म्स के बारे में अवगत कराया गया तथा सूचनाएं प्रेषित करने के लिए प्रारूप की भी जानकारी दी गई। सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जल्द से जल्द पीडीएनए की प्रक्रिया कराते हुए भारत सरकार को विस्तृत प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री भी नियमित तौर पर अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी विभागों को यह बताना अनिवार्य है कि क्षतिग्रस्त योजना के लिए एसडीआरएफ मद में कितनी धनाराशि की प्रतिपूर्ति की जा सकती है और कितनी नहीं। जिस धनराशि की प्रतिपूर्ति एसडीआरएफ मद में नहीं की जा सकेगी, उसके लिए भारत सरकार से स्पेशल पैकेज के तहत अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य को इस मानसून सीजन में भारी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई अकेले एसडीआरएफ मद से किया जाना संभव नहीं है, इसके लिए भारत सरकार से स्पेशल पैकेज की दरकार है।
आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन द्वारा निर्देश दिए हैं कि आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन व पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करने के लिए सभी विभागाध्यक्ष अगले सप्ताह से फील्ड विजिट करेंगे। पहले हफ्ते विभागाध्यक्ष स्वयं जाएंगे और दो दिन जनपद में ही रुकेंगे। दूसरे हफ्ते एचओडी के बाद द्वितीय वरिष्ठ अधिकारी तथा तीसरे हफ्ते तृतीय वरिष्ठ अधिकारी फील्ड विजिट करेंगे।
उन्होंने बताया कि बुधवार से पीडीएनए के लिए केन्द्र सरकार की टीम उत्तराखण्ड पहुंच रही है। पीडीएनए के लिए चार टीमें बनाई गई हैं, जो सभी जनपदों में जाकर क्षति का वास्तविक आकलन करेंगी। जनपद स्तर पर टीम को जिलाधिकारी लीड करेंगे। एचओडी नोडल अधिकारी के रूप में योगदान करेंगे। इस टीम में जनपद स्तर पर कुछ अधिकारियों को जिलाधिकारी तथा कुछ को एचओडी द्वारा नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्कीम का पीडीएनए किया जाएगा और उसके अनुरूप ही प्रस्ताव भारत सरकार को दिया जाएगा। टीम में सभी विभागों के लोगों को शामिल किया गया है।
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव ने कहा कि आपदा के कारण सिर्फ परिसंपत्तियों को ही नहीं बल्कि लोगों की आजीविका को भी व्यापक नुकसान हुआ है। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि लोगों की आजीविका को दोबारा से पटरी पर लाने तथा पुनः बहाल करने के लिए हर संभव मदद सरकार की तरफ से दी जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
