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गढ़वाल व कुमाऊं में आपदा से हुए नुकसान और प्रभावितों की पीड़ा का  जानने पहुंची केंद्रीय टीम

कुमाऊं के बागेश्वर जिले में आपदा को परखती टीम।

देहरादून, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार की अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम उत्तराखंड के भ्रमण पर है। टीम ने आज गढ़वाल मंडल के पौड़ी, रुद्रप्रयाग के साथ ही कुमाऊं मंडल नैनीताल व बागेश्वर जिले का भ्रमण किया। आपदा से हुई हानि के साथ ही प्रभावितों की समस्याओं को समझा और भरोसा दिया कि केंद्र सरकार से उन्हें पूरी मदद मिलेगा।

बागेश्वर के लोगों दिखाएं आपदा में मिले घाव

आज अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने पहले रुद्रप्रयाग व पौड़ी जिले का भ्रमण किया। इसके बाद जनपद बागेश्वर जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्र हड़बाड़ का भ्रमण किया। यहां हाल ही में भूमि धसाव व भूस्खलन की घटनाओं से सात परिवार प्रभावित जिन्हें स्थानीय विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र में स्थानांतरित किया गया है। प्रभावितों को विस्थापन का इंतजार है। इसके बाद टीम ने ड़ंगोली बालीघाट मोटर मार्ग का निरीक्षण किया। मोटर मार्ग के किलोमीटर 32 और 34 में सड़क धस रही है। उन्होंने पीडब्ल्यूडी को सड़क सुधारीकरण के समय पानी की निकासी पर विशेष ध्यान देने की बात कही। इसके अतिरिक्त टीम ने पिटकुल क्षेत्र का भी दौरा किया, जहां मलबा आने से 132 केवी सर्विस स्टेशन को काफी क्षति हुई है।

केंद्रीय टीम ने घटनास्थलों पर हुए नुकसान का आकलन किया व राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की जानकारी ली। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने केंद्रीय टीम को आपदा की स्थिति, बचाव व राहत कार्यों की प्रगति तथा विभिन्न विभागों द्वारा हुए नुकसान का विवरण प्रस्तुत किया। निरीक्षण के दौरान टीम के साथ मुख्य विकास अधिकारी आर.सी. तिवारी, अपर जिलाधिकारी एन.एस. नबियाल, उप जिलाधिकारी प्रियंका रानी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे।

नैनीताल जिले ने रखा 443.42 करोड़ की क्षति का ब्यौरा भारत सरकार की अंतर मंत्रालीय केंद्रीय टीम ने नैनीताल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, इस दौरि हल्द्वानी समीक्षा बैठक हुई। बैठक में जिलाधिकारी वंदना ने टीम को बताया कि मानसून काल में जनपद को लगभग 443.42 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसमें आपदा न्यूनीकरण मद में 285 करोड़ व विभिन्न विभागीय परिसंपत्तियों को लगभग 158 करोड़ का नुकसान आंका गया है। मुख्य रूप से लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, ऊर्जा, ग्रामीण निर्माण विभाग, पेयजल एवं शिक्षा विभाग प्रमुख विभाग हैं। जिन्हें अधिक क्षति हुई है। जिलाधिकारी ने विभिन्न महत्वपूर्ण सड़क मार्गों में हुई क्षति के बारे में अवगत कराया। उन्होंने जिले की महत्वपूर्ण सड़क जो पहाड़ी जनपदो को जोड़ता है कि क्षति का भी विवरण दिया।

जिलाधिकारी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से क्षतिग्रस्त, विद्यालय भवनों, सड़क मार्गों, सिंचाई गूलों, सरकारी परिसंपत्तियों सहित नदी व जल भराव के कारण जिले के अन्य स्थानों गोलापार, चोरगलिया, लालकुआं, हल्द्वानी, रानीबाग, रामनगर सहित जिले के पहाड़ी विभिन्न क्षेत्रों में हुई क्षति की भी जानकारी दी।

बैठक के बाकेद केंद्रीय टीम ने जिला अधिकारी व अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। टीम ने इंदिरा गांधी स्टेडियम गोलापार, गोला पुल, सूखी नदी, चोरगलिया क्षेत्रों में जाकर स्वयं क्षति का आकलन किया।

टीम में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के निदेशक वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय जल आयोग के अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार, निदेशक यूएलएमएमसी शांतनु सरकार सामिल रहे।

इस दौरान जिले से प्रभागीय वनाधिकारी कुंदन कुमार, अपर जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह नेगी, विवेक रॉय, एस पी प्रकाश चंद्रा सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल

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