West Bengal

केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य बीमा पर से हटाया 18 प्रतिशत जीएसटी, तृणमूल ने बताया ‘नैतिक विजय’

ममता बनर्जी

कोलकाता, 04 सितम्बर (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर लगाए गए 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को हटाए जाने के फैसले को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (तृणमूल कांग्रेस) ने इसे अपनी ‘नैतिक विजय’ करार दिया है।

तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार रात साेशल मीडिशा पर अपने आधिकारिक अकाउंट एक्स पर बयान जारी करते हुए दावा किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुरू से ही इस टैक्स का विरोध किया था और इसे आम जनता के खिलाफ बताया था।

पार्टी ने लिखा कि, यह आम लोगों की जीत है। एक ऐसी सरकार से छीनी गई जीत, जो केवल दबाव पड़ने पर सुनती है। ममता बनर्जी ने पहले दिन से ही वित्त मंत्री को आगाह किया था कि बीमा प्रीमियम पर टैक्स लगाना अमानवीय और जनविरोधी है। इससे परिवार भविष्य सुरक्षित करने से हिचकेंगे और संकट के समय आर्थिक रूप से तबाह हो जाएंगे।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ममता बनर्जी द्वारा लिखे गए पत्र की प्रति भी पार्टी ने साझा की, जिसमें उन्होंने बीमा पॉलिसियों पर कर लगाने के निर्णय की समीक्षा की मांग की थी। यह पत्र 02 अगस्त, 2024 को भेजा गया था।

बुधवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्णय लिया गया कि 22 सितम्बर से व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर 18 प्रतिशत कर समाप्त कर दिया जाएगा। इससे आम परिवारों और स्वास्थ्य क्षेत्र को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

केंद्र के इस कदम के बाद तृणमूल ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली सरकार दबाव में झुक गई। पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार आखिरकार दबाव के आगे झुक गई। यह वापसी साबित करती है कि भाजपा केवल तब कदम उठाती है जब उसे घेरा जाता है। हम संसद से लेकर सड़क तक, जनता के बीच हर जनविरोधी फैसले के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।

जीएसटी काउंसिल की बैठक में कर संरचना में बड़े बदलाव किए गए। 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दरें खत्म कर दी गईं और पांच प्रतिशत व 18 प्रतिशत की दरें बरकरार रखी गईं। नए कर ढांचे को 22 सितम्बर से लागू किया जाएगा।

इसके अलावा, काउंसिल ने व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों जैसे हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट और डेंटल फ्लॉस पर कर दर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी है। वहीं, सिगार, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कर 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है।———————-

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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