शिमला, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में नवीन सुधारों को स्वागतयोग्य निर्णय बताते हुए कहा कि वर्ष 2017 में लागू किए गए जीएसटी के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा ने गत आठ वर्षों में देशवासियों से अत्याधिक कर वसूली कर उन्हें लूटा है। केंद्र सरकार से इन आठ वर्षों तक लोगों से जीएसटी के माध्यम से अत्यधिक कर वसूली के लिए जवाबदेही की मांग करते हुए नरेश चौहान ने कहा कि वर्ष 2017 से 2025 तक देश के नागरिकों, विशेषकर सामान्य एवं गरीब लोगों को आवश्यक वस्तुओं जैसे कि दाल, रोटी, कपड़ा आदि पर कर एकत्रित कर लूटा किया। अत्यधिक कर वसूली द्वारा पिछले आठ वर्षों में केंद्र सरकार ने 55 लाख करोड़ रुपये से अधिक इकट्ठे और इस वसूली के लिए केंद्र को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
आज यहां एक प्रेस वार्ता में नरेश चौहान ने कहा कि कांग्रेस शुरूआत से ही जीएसटी को लूट का तंत्र बताते हुए इसमें सुधारों की मांग कर रही थी लेकिन केंद्र सरकार इससे इकट्ठे हो रहे पैसे के लालच में विपक्ष की आवाज को बार-बार अनसुना करती रही।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से केंद्र सरकार एवं केन्द्रीय वित्त मंत्रियों की अधिकतर नीतियां जन विरोधी रही हैं और उनके प्रत्येक कदम गरीब एवं मध्यम वर्ग के हितों के विरुद्ध रहे हैं। जीएसटी सुधारों का निर्णय भी केंद्र की राजनीतिक मजबूरी दिखाई देता है क्योंकि आने वाले समय में बिहार सहित अन्य राज्य में चुनाव हैं तथा इन राज्यों में भाजपा को हार का आभास हो चुका है।
उन्होंने कहा कि यूपीए-2 के समय जीएसटी प्रणाली की नींव रखी गई थी और उस समय विभिन्न समितियों का गठन कर अलग-अलग मंचों पर विशेषज्ञों द्वारा गहन विचार-विमर्श के पश्चात इसकी यूनिफॉर्म टैक्स प्रणाली के रूप पर कल्पना की गई थी। वर्ष 2014 में सरकार बदलने के पश्चात भाजपा ने जनता को राहत देने के बजाय आमजन पर बोझ के रूप में जीएसटी को नई रूपरेखा प्रदान की। जीएसटी के अन्तर्गत 5, 12, 18, 28 और 40 प्रतिशत की दरें तय की गई और समाज के प्रत्येक वर्ग से लगातार आठ वर्षों तक लूट जारी रही।
—————
(Udaipur Kiran) शुक्ला
