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केन्द्र ने सभी राज्यों के औषधि नियंत्रकों को लिखा पत्र, औषधियों के परीक्षण में कड़ाई से अनुपालन के दिए निर्देश

सीडीएससीओ

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । देश के कई राज्यों में मिलावटी कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत की खबरों के बीच औषधि नियंत्रक जनरल (सीडीएससीओ) डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने सभी राज्यों के औषधि नियंत्रकों को दवाइयों के परीक्षण में सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए। सात अक्टूबर को सभी राज्यों के औषधि नियंत्रकों को लिखे पत्र में सीडीएससीओ ने कहा कि औषधीय निर्माण में प्रयुक्त किए जाने वाले कच्चे माल(एक्सीपिएंट्स) के उपयोग से पूर्व परीक्षण किया जाना अत्यंत आवश्यक है। हाल ही में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बच्चों की मृत्यु की घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं, जो कथित रूप से दूषित खांसी की दवाओं से संबंधित हैं तथा इन दवाओं की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की गई है।

सीडीएससीओ ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि निर्माण इकाइयों में की गई निरीक्षणों एवं मानक गुणवत्ता के अनुरूप न पाई गई औषधियों की जांच के दौरान यह देखा गया है कि निर्माता, निर्माण से पहले प्रयुक्त प्रत्येक बैच के एक्सीपिएंट्स निष्क्रिय एवं सक्रिय औषधीय बैच का परीक्षण नहीं कर रहे हैं और न ही तैयार औषधि उत्पादों का नियमानुसार परीक्षण कर रहे हैं। ड्रग्स नियम, 1945 की नियम 74(सी) एवं नियम 78(सी)(ii) के अनुसार, लाइसेंसधारी को अपने स्वयं के प्रयोगशाला में या लाइसेंसिंग प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित किसी प्रयोगशाला में अपने उत्पाद के निर्माण में प्रयुक्त प्रत्येक बैच अथवा लॉट के कच्चे माल तथा प्रत्येक बैच के अंतिम उत्पाद का परीक्षण अवश्यक करें।

सीडीएसओ ने सभी राज्यों के औषधि नियंत्रकों को दवाओं के परीक्षण की प्रक्रिया की निगरानी सुनिश्चित करने को कहा है। इसके इस दिशा में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी सौंपने को कहा है।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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