
नई दिल्ली, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अफीम पोस्ता की खेती के लिए वार्षिक लाइसेंस नीति की घोषणा की है। इस साल किसानों के लिए लाइसेंस में 23.5 फीसदी की वृद्धि की गई है।
इन तीन राज्यों में पिछले फसल वर्ष के मुकाबले 15 हजार अतिरिक्त किसानों को शामिल किया गया है। इससे लगभग 1.21 लाख किसान लाइसेंस पा सकते हैं। वित्त मंत्रालय के मुताबिक केंद्र सरकार चिकित्सा आवश्यकताओं के लिए एल्कलॉइड की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित के प्रयास कर रही है। नई नीति के तहत ऐसे मौजूदा अफीम गोंद उत्पादकों को बनाए रखा जाएगा, जिन्होंने प्रति हेक्टेयर 4.2 किलोग्राम या उससे अधिक औसत मॉर्फिन उपज (एमक्यूवाई-एम) हासिल की है। अफीम फसल वर्ष 1 अक्टूबर, 2025 से 30 सितंबर, 2026 तक चलता है।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक केंद्र सरकार पोस्ता भूसा सांद्रण (सीपीएस) खेती के तहत फसल वर्ष 2025-26 के लिए उन किसानों के लाइसेंस निलंबित करेगी, जिन्होंने पिछले फसल वर्ष 2024-25 के दौरान 800 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की निर्धारित न्यूनतम योग्यता उपज (एमक्यूवाई) के लक्ष्य को पूरा नहीं किया था। इस नीति का उद्देश्य सरकारी नियंत्रित अल्कलॉइड इकाइयों के लिए आत्मनिर्भरता को संतुलित करने के साथ अल्कलॉइड एपीआई और फॉर्मूलेशन में भारतीय दवा कंपनियों को सहयोग प्रदान करना है। इस पहल का उद्देश्य मेक फॉर वर्ल्ड विजन को बढ़ावा देना है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
