
शिमला, 20 जून (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने वर्ष 2023-24 में हिमाचल प्रदेश में आई विनाशकारी प्राकृतिक आपदा के बाद केंद्र सरकार द्वारा दी गई राहत राशि पर असंतोष जताया है। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा से लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की क्षति हुई थी, जिसकी पुष्टि केंद्रीय टीम ने पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट के माध्यम से की थी, लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने केवल 2006 करोड़ रुपये की नाममात्र राहत राशि जारी की। केंद्र सरकार आपदा राहत राशि के नाम पर मात्र औपचारिकता निभा रहा है।
चौहान ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इतनी भारी क्षति के बाद भी केंद्र सरकार ने न केवल नाममात्र की राशि दी, बल्कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी समय पर राहत राशि दिलाने में विफल रहे। उन्होंने केंद्र पर हिमाचल के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
नरेश चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सीमित संसाधनों के बावजूद 4500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज स्वयंस्फूर्त रूप से जारी किया और खुद ज़मीनी स्तर पर राहत कार्यों की निगरानी की, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल को संकट की घड़ी में अकेला छोड़ गए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के प्रस्तावों पर बार-बार आपत्तियां उठाईं, इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने राज्य के हितों को लेकर समझौता नहीं किया और प्रभावी रूप से केंद्र के समक्ष प्रदेश की जरूरतें रखीं।
नरेश चौहान ने अनुराग ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि राहत राशि में इतना विलंब क्यों हुआ और जरूरत के अनुसार मदद क्यों नहीं दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि अनुराग ठाकुर ने भाजपा नेतृत्व को खुश करने के लिए राज्य के लोगों के हितों की अनदेखी की है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
