
जयपुर, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के आदेश की पालना नहीं करने को गंभीर मांगा है। अदालत ने कहा कि कोर्ट के आदेशों की पालना नहीं करना चलन बन चुका है। इसके चलते हाईकोर्ट में सैकड़ों अवमानना याचिकाएं भी लंबित चल रहे हैं। यदि इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आम जनता का न्यायालय और लोकतांत्रिक ढांचे से विश्वास उठ जायेगा। इसके साथ ही अदालत ने मामले में याचिकाकर्ता एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के संयुक्त मैनेजर-एचआर पर अधिकरण की ओर से लगाई गई पांच हजार रुपए की हर्जाना राशि को बढ़ाकर 25 हजार रुपये करते हुए इसकी कटौती उसके वेतन से करने को कहा है। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने जानबूझकर मामलों को मुकदमेबाजी के दूसरे राउंड में खींचा। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा व जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के संयुक्त जनरल मैनेजर-एचआर एस सूर्यनारायण व अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिए।
मामले से जुड़े अधिवक्ता अंकुर श्रीवास्तव ने बताया कि अधिकरण ने अपीलार्थी फाइनेंस मैनेजर राहुल विजय के ट्रांसफर मामले में स्पीकिंग आर्डर पारित नहीं करने पर अथॉरिटी के संयुक्त जनरल मैनेजर पर पांच हजार रुपए का हर्जाना लगाया था। इस आदेश की पालना करने की बजाय संयुक्त जनरल मैनेजर व अन्य ने इसे हाईकोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दी। खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए कहा। इस पर याचिकाकर्ता ने अदालत में पेश होकर माफी मांगी। वहीं अदालत ने हर्जाना राशि को बढाकर 25 हजार रुपये कर दिया।
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(Udaipur Kiran)
