Uttar Pradesh

इतिहास में महिलाओं के योगदान को नए सिरे से देखने की आवश्यकता : सीडीओ

महिला पुलिसकर्मी को सम्मानित करते डीएम पुलिस कमिश्नर व सीडीओ का छायाचित्र

कानपुर, 30 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । प्राचीनकाल से ही महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी रही हैं। इतिहास में महिलाओं के योगदान को नए सिरे से देखने की आवश्यकता है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और बेटियों को समान अधिकार दिलाने के लिए समाज को प्रेरित करने की आवश्यकता है। यह बातें मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने कही।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत बीएनएसडी शिक्षा निकेतन विद्यालय बेनाझाबर में नारी शक्ति सम्मान कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार, जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह, मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी तथा जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। बाल सेवा योजना से 10 तथा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से छह बच्चों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। वहीं समाज में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को विभिन्न विभागों के माध्यम से सम्मानित किया गया। बीएनएसडी कॉलेज से डॉ. आरती पाठक, उच्च शिक्षा विभाग से डॉ. संगीता सिरोही सहित जिला विकास कार्यालय, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, बाल संरक्षण इकाई, महिला कल्याण विभाग हब, स्वास्थ्य विभाग, वन स्टॉप सेंटर, खेल विभाग, राजकीय बालगृह, कृषि विभाग आदि से जुड़ी 45 महिलाओं को अधिकारियों ने प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग प्रदर्शित की गई, साथ ही महिलाओं ने कविताओं के माध्यम से नारी शक्ति के महत्व को उजागर किया।

पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने कहा कि मिशन शक्ति महिला सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन को समर्पित है। इस अभियान से जमीनी बदलाव आ रहे हैं। भारत में महिलाएं राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री भी रह चुकी हैं। जबकि ऐसा सौभाग्य यूएसए को भी नहीं प्राप्त है। उन्होंने कहा कि बेटों और बेटियों में समानता की शुरुआत घर से ही होनी चाहिए। जब परिवार बेटियों को बराबरी का दर्जा देगा तभी समाज में सच्ची समानता स्थापित हो पाएगी और बेटियां सशक्त बन सकेंगी।

जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि बेटा-बेटी एक समान हैं। उन्होंने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और कमलादेवी चट्टोपाध्याय जैसी ऐतिहासिक विभूतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की महिलाएं सदैव शक्ति और प्रेरणा का स्रोत रही हैं और आज भी हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रही हैं।

इस अवसर पर अनेक विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, विद्यालय की अध्यापिकाएं और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना, आत्मनिर्भर बनाना तथा उनके उत्कृष्ट कार्यों को सम्मानित कर प्रोत्साहित करना रहा।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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