Jharkhand

अवैध कोयला खनन का मुख्य अड्डा है सीसीएल और टाटा की माइंस : डीसी

रामगढ़ डीसी फ़ैज़ अक अहमद मुमताज

रामगढ़, 2 जुलाई (Udaipur Kiran) । कोयला तस्करी के मामले में रामगढ़ जिले का नाम काफी बदनाम हो चुका है। लेकिन तस्करों से ज्यादा सीसीएल के जीएम और टाटा कंपनी की ओर से अपनाई गई लापरवाही इसकी मुख्य वजह बन गई है। डीसी फ़ैज़ अक अहमद मुमताज ने रामगढ़ जिले में पड़ने वाले सीसीएल के पांच प्रक्षेत्रों के जीएम और टाटा स्टील के पदाधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने कहा है कि कोयला तस्करों का मुख्य अड्डा सीसीएल और टाटा कंपनी का माइंस बन चुका है। डीसी ने कहा है कि वे लोग बैठक में न तो संतोषप्रद जवाब देते हैं और न ही खनन टास्क फोर्स की बैठक में सही रिपोर्ट भेजते हैं। डीसी ने सीसीएल के रजरप्पा, कुजू, चरही, बरकासयाल, अरगड्डा और टाटा स्टील लिमिटेड वेस्ट बोकारो डिवीजन के जीएम को कड़ी फटकार लगाई है। डीसी ने कहा है कि हर पदाधिकारी को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन जरूर करना होगा। किसी दूसरे विभाग पर कार्रवाई करने का बोझ डालना अपनी कमियों को छुपाने के जैसा है।

उजागर हुई अधिकारियों की लापरवाही

डीसी ने कहा कि 19 जून को जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की हूई बैठक में कोयला खनिज के अवैध परिवहन, भण्डारण, खनन के विरूद्ध हुई कार्रवाई की समीक्षा की गई। सीसीएल और टाटा स्टील कंपनी की ओर से की गई कार्रवाई को ना तो संतोषप्रद नहीं पाया गया। साथ ही कंपनी के प्रतिनिधियों ने कोई भी संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। डीसी ने कहा कि सीसीएल और टाटा स्टील कंपनी अधिगृहित क्षेत्र से कोयला का खनन कार्य कर रही है। एजेंसियों की लापरवाही की वजह से यह स्पष्ट है कि पूरा इलाका कोयले के अवैध खनन का प्रमुख स्त्रोत बन गया है।

बैठक में उपस्थित हों सीसीएल और टाटा कंपनी के जीएम

डीसी ने सीसीएल के पांच प्रक्षेत्रों के जीएम और टाटा कंपनी के जीएम को फटकार लगाते हुए जिला स्तरीय खनन ट्रांसपोर्ट की अगली बैठक में उपस्थित होने और निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है। उन्‍होंने अवैध मुहानों को स्थाई रूप से बंद करने, माइंस एरिया और सड़कों के प्रवेश और निकास पर सीसीटीवी कैमरा लगाने, चेकनाका स्थापित करने, अवैध कोयले के खनन और ट्रांसपोर्टेशन पर रोक लगाने, कोयला स्टॉक यार्ड , रेलवे साइडिंग, बंद हो चुके क्षेत्र की विशेष निगरानी करने, कोयला ट्रांसपोर्टिंग में लगे वाहनों में वीटीडी डिवाइस इंस्टॉल करवाने, उन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन वीटीएस पोर्टल पर करने का भी निर्देश दिया। साथ ही डीसी ने उन्ही गाड़ियों को माइनिंग चालान देने को कहा जो वीटीएस पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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