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बहुचर्चित चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई की पहली गिरफ्तारी, निलंबित एएसआई पंकज शर्मा गिरफ्तार

Crime

शिमला, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत के बहुचर्चित मामले में आखिरकार सीबीआई ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबित एएसआई पंकज शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। रविवार दोपहर बाद करीब तीन बजे सीबीआई की टीम ने पंकज को बिलासपुर जिले के घुमारवीं से गिरफ्तार किया। अब सीबीआई उसे रिमांड पर लेने के लिए अदालत में पेश करेगी।

जानकारी के अनुसार सीबीआई ने हाल ही में पंकज शर्मा के घर पर छापेमारी कर कुछ अहम दस्तावेज बरामद किए थे, जिन्हें जांच के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आरोप है कि पंकज शर्मा ने बिलासपुर जाकर विमल नेगी की पेन ड्राइव और लैपटॉप अपने कब्जे में लिया और उसमें से कई महत्वपूर्ण डाटा डिलीट कर दिया।

इस मामले में सीबीआई ने पंकज शर्मा से कई दौर की पूछताछ की थी। विमल नेगी के शव से मिली पेन ड्राइव को छिपाने और फॉरमेट करने पर उससे लंबी पूछताछ हुई थी। हालांकि वह किसी भी जांच टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन उस पर मृतक की जेब से पेन ड्राइव निकालने और साक्ष्य नष्ट करने के आरोप लगे।

मामले की जांच में सीबीआई लगातार पावर कारपोरेशन से कब्जे में लिए गए रिकार्ड की पड़ताल कर रही है। साथ ही, नेगी की पत्नी किरण नेगी और उनके भाई सुरेंद्र नेगी के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। सीबीआई की जांच का दायरा पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अफसरों और कर्मचारियों तक भी फैला हुआ है। इस मामले में पहले ही पावर कॉर्पोरेशन के तत्कालीन एमडी हरिकेश मीणा और निदेशक देशराज को गिरफ्तार किया गया था, हालांकि वे फिलहाल जमानत पर हैं।

गौरतलब है कि चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को शिमला से अचानक लापता हो गए थे। आठ दिन बाद यानी 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर की गोविंद सागर झील के किनारे मिला था। उनकी रहस्यमय मौत को लेकर परिवार ने गंभीर आरोप लगाए और पत्नी किरण नेगी ने सीधे तौर पर पावर कॉर्पोरेशन पर उच्च अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।

सीबीआई ने इस केस में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 108 और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज की है। धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़ी है, जिसमें दोषी पाए जाने पर दस साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। जानकारी अनुसार सीबीआई इस मामले में 90 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी है।

यह भी उल्लेखनीय है कि सीबीआई की जांच के बीच राज्य सरकार ने पावर कारपोरेशन के निलंबित निदेशक देशराज को बहाल कर दिया और उन्हें हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड में उनके पुराने पद चीफ इंजीनियर पर तैनात कर दिया है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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