
नई दिल्ली, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । लैंड फॉर जॉब मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू यादव पर दर्ज एफआईआर को निरस्त करने वाली की याचिका का केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विरोध किया है। गुरुवार काे सीबीआई की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि इस याचिका को दायर करने में काफी देरी की गई है। जस्टिस रविंद्र डूडेजा की बेंच ने इस मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान राजू ने कहा कि लालू यादव इस मामले में वैकल्पिक कानूनी विकल्प तलाश सकते थे। उन्होंने कहा कि किसी आरोपित को याचिका दायर करने की 90 दिनों की समय सीमा को पार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। 27 फरवरी, 2023 को ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। उच्च न्यायालय में याचिका 23 मई, 2025 को दाखिल की गई। याचिका करीब दो साल की देरी से दाखिल की गई है। ऐसे में इस याचिका का खारिज किया जाना चाहिए।
राजू ने लालू यादव की इस दलील का भी विरोध किया कि जांच गैरकानूनी है क्योंकि अभियोजन के लिए जरुरी अनुमति नहीं ली गई थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में अनुमति की जरुरत नहीं है क्योंकि लालू यादव ने जो किया वो अपने आधिकारिक कर्तव्यों का उल्लंघन था। लालू यादव के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि इस मामले में अभियोजन चलाने के लिए जरुरी अनुमति नहीं ली गई। ऐसे में पूरी जांच की गैरकानूनी है। बिना जरुरी अनुमति के जांच शुरु नहीं की जा सकती है। सिब्बल ने कहा था कि इस मामले में पूरी कार्यवाही ही गलत है।
उच्चतम न्यायालय ने 18 जुलाई को ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। 7 अक्टूबर, 2022 को लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत 16 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। ट्रायल कोर्ट ने 25 फरवरी को सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। सीबीआई ने 7 जून, 2024 को इस मामले में अंतिम चार्जशीट दाखिल किया था जिसमें 78 लोगों को आरोपित बनाया गया है। इन 78 आरोपितों में से रेलवे में नौकरी पाने वाले 38 उम्मीदवार भी हैं।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
