लखनऊ, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की वर्ष 2010 में अपर निजी सचिव भर्ती में हुए कथित भ्रष्टाचार मामले में अधिकारियाें की जांच की अनुमति मिल गईं है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस भर्ती मामले में चार सितंबर 2018 को सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति की थी। सीबीआई ने 30 सितंबर 2020 को नियुक्त विभाग से तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक, यूपी लोक सेवा आयोग के तीन अधिकारियाें के विरूद्व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा-17ए के तहत जांच करने की अनुमति मांगी थी। मामले में नियुक्ति विभाग ने तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक के विरूद्व कार्रवाई की अनुमति ताे दे दी थी, लेकिन आयाेग ने अपने अधिकारियाें सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव विनोद कुमार सिंह, सेवानिवृत्त सिस्टम एनालिसिस गिरीश गोयल, सेवानिवृत्त समीक्षा अधिकारी लाल बहादुर पटेल के खिलाफ जांच की अनुमति काे मंजूरी नहीं दी थी।
इसके चलते चार अगस्त 2021 को दर्ज एफआईआर में सिर्फ परीक्षा नियंत्रक को ही शामिल किया गया था। सीबीआई निदेशक ने 26 मई 2025 को एक बार फिर इस मामले की जांच काे आगे बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया। सीबीआई के अनुराेध और इस भर्ती मामले में अधिकारियाें की संलिप्तता काे बेनकाब करने के लिए आयाेग की ओर से जांच के लिए अनुमति दे दी गई है। अब आयाेग के सेवानिवृत्त तीनाें अधिकारियाें से सीबीआई पूछताछ करते हुए जांच की कार्रवाई काे तेजी से पूरा कर सकेगी।
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(Udaipur Kiran) / दीपक
