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नई दिल्ली, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सात साल से फरार बैंक धोखाधड़ी के आरोपित महिला को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने उसकी गिरफ्तारी के लिए आधुनिक तकनीक और ट्रैकिंग सिस्टम की मदद ली और यह कामयाबी हासिल की। सीबीआई ने आरोपित महिला को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
दरअसल, सीबीआई ने एक मामला वर्ष 2009 में दर्ज किया था। इसमें मांड्या (कर्नाटक) के सिंडिकेट बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक असदुल्लाह खान और आठ अन्य लोगों पर धोखाधड़ी और साजिश के आरोप हैं। आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर बैंक को 12.63 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था। जांच के बाद सीबीआई ने इस मामले में आरोपित नसरीन ताज को 19 जुलाई काे बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था।
सीबीआई के अनुसार नसरीन ने अपनी पहचान छुपाने के लिए अपना नाम बदलकर ‘सलमा’ कर लिया। साथ ही बार-बार ठिकाना बदलती रही। सीबीआई ने उनके डिजिटल निशान खोजकर बेंगलुरु में उनकी लोकेशन का पता लगाया। सीबीआई ने आराेपित नसरीन काे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
सीबीआई के अनुसार नसरीन ने अपने पति और अन्य लोगों के साथ मिलकर 1.20 करोड़ रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा और 55 लाख रुपये का कृषि ऋण हासिल किया। इन पैसों को कृषि कार्यों में लगाने की बजाय गलत तरीके से पुराने कर्ज चुकाने में इस्तेमाल किया गया। इस मामले में
सीबीआई ने वर्ष 2010 में चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें नसरीन को भी आरोपी बनाया गया। नसरीन वर्ष 2019 से लगातार फरार थीं और कोर्ट में पेश नहीं हुईं। उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुए और 2021 में उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दिया गया था।
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(Udaipur Kiran) / prashant shekhar
