Madhya Pradesh

अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के जाति प्रमाण पत्र समयसीमा में बनाये जाएः संभागायुक्त

राहत संबंधी समीक्षा बैठक

– अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 अंतर्गत राहत संबंधी समीक्षा बैठक सम्पन्न

इंदौर, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के इंदौर में संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को संभाग स्तर पर अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम- 1989 अंतर्गत राहत संबंधी समीक्षा बैठक गूगल मीट के माध्यम हुई। बैठक में आईजी अनुराग, संयुक्त आयुक्त डी.एस. रणदा, जनजातीय कार्य विभाग इंदौर संभाग के डिप्टी कमिश्नर बृजेशचन्द्र पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक अजाक इंदौर संभाग शेरसिंह भूरिया, जिला अभियोजन अधिकारी एम.के. चतुर्वेदी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। गूगल मीट के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षक ग्रामीण, इंदौर संभाग के सभी जिलों के जिला कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक, जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में संभागायुक्त सिंह ने अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 अंतर्गत राहत संबंधी प्रगति की समीक्षा की। बैठक में संभागायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला स्तर पर अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के दर्ज प्रकरणों की समयसीमा में समीक्षा की जाये। समीक्षा में पारदर्शिता, संवेदनशीलता और समयसीमा का विशेष ध्यान रखा जाये। अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के पीड़ित व्यक्तियों तथा उनके परिवारों के सदस्यों के जाति प्रमाण पत्र अभियान चलाकर बनाये जाये। अनुसूचित जाति/जनजाति समाज के पीड़ित व्यक्तियों के जिला कोर्ट में दर्ज प्रकरणों की ठीक से पैरवी की जाये, ताकि अपराधियों को सजा मिल सके। पीड़ित व्यक्तियों के न्यायालय में कथन यथाशीघ्र करवाये जाये। राहत मद में प्राप्त आवंटन का शतप्रतिशत उपयोग सुनिश्चित करें, जिससे पीड़ितों को राहत प्रदान किये जा सके। राहत प्रकरणों में आवंटन के मांगपत्र तत्काल मुख्यालय को भेजा जाये। अधिकारी मैदान पर जाकर मॉनीटरिंग करें।

बैठक में बताया गया कि वर्तमान में विभाग को नये निर्देश प्राप्त हुए हैं कि अन्य राज्यों के निवासियों के राहत प्रकरण में जिस जिले/राज्य में एफआईआर दर्ज हुई है, वहीं से राहत राशि का भुगतान किया जाये। जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की बैठक समय पर की जाये। जिला अदलतों में दर्ज लंबित प्रकरणों की विवेचना एवं अनुसंधान में तेजी लायें। जिले में घटित अपराधों के रोकथाम एवं पीड़ितों को राहत प्रदान करने हेतु अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई सुनिश्चित किया जाये। बैठक में अन्य अधिकारियों ने भी अपने विचार एवं सुझाव रखे।

(Udaipur Kiran) तोमर

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