
– काेर्ट के आदेश पर पैलानी थाना में दर्ज हुआ मुकदमा
बांदा, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश में बांदा जिले में ग्राम पंचायत सबादा (विकास खंड जसपुरा) में विकास कार्यों के नाम पर बड़े पैमाने पर सरकारी धन के दुरुपयोग का गंभीर मामला सामने आया है। समाजसेवी की शिकायत पर सीजेएम कोर्ट ने ग्राम प्रधान और दो तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारियों के खिलाफ पैलानी थाना में मुकदमा दर्ज हुआ है।
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शिवराज ने शुक्रवार को बताया कि कोर्ट के आदेश पर ग्राम प्रधान सहरुद्दीन और तत्कालीन दो ग्राम पंचायत अधिकारियों शिव विधान गुप्ता व आनंद मोहन शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। समाजसेवी सफक्कत खां ने कोर्ट में प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में बताया कि उन्हें ग्राम प्रधान के एक करीबी व्यक्ति ने बताया कि ग्राम पंचायत में 2021-22 से 2024-25 के बीच विभिन्न योजनाओं के तहत आए धन का फर्जी बिलों और बाउचरों के माध्यम से गबन किया जा रहा है। संदेह होने पर उन्होंने विकास खंड जसपुरा से पंचायत द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों के भुगतान और बाउचर की जानकारी निकलवाई।
इसमें पता चला कि वर्ष 2021-22 में बाउचर नंबर S.T.H.S.F.C/2021-22/P/5 के तहत राम सिंह से फूलचंद्र के घर तक नाली निर्माण दिखाकर 4,22,299 रुपये का भुगतान किया गया, जबकि मौके पर नाली का कोई निर्माण मिला ही नहीं। उसी वर्ष दो बाउचर के माध्यम से एक ही स्थान पर सीसी रोड निर्माण दिखाकर 1,19,858–1,19,858 रुपये के दोहरा भुगतान का आरोप है। वर्ष 2022-23 में मुकीम खान के घर के पास नाली निर्माण के नाम पर 2,18,290 रुपये, और फिर अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में उसी कार्य को दोबारा दिखाकर 1,45,069 रुपये का भुगतान किए जाने का आरोप है।
इरसाद से अफजल के घर तक नाली व इंटरलॉकिंग कार्य में भी 4 लाख से अधिक और नरेगा के तहत 3.53 लाख रुपये के फर्जी भुगतान की बात कही गई है। वर्ष 2024-25 में 2.20 लाख रुपये की लागत से शॉकपिट निर्माण दिखाया गया, जबकि गांव में एक भी शॉकपिट नहीं मिला। कुल मिलाकर तीनों अधिकारियों पर 16,06,663 रुपये के सरकारी धन के गबन का आरोप लगाया गया है।
समाजसेवी ने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री तक की हैं। इसके बाद एडीओ पंचायत को जांच के निर्देश दिए गए, लेकिन जांच अधिकारी ने बिना उन्हें बुलाए और अधूरी जांच करते हुए रिपोर्ट भेज दी। रिपोर्ट में भी कई कार्यों के न होने की पुष्टि मिली, इसके बावजूद विभागीय स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
थाना पैलानी और पुलिस अधीक्षक बांदा को भी समाजसेवी ने रजिस्ट्री के माध्यम से शिकायती प्रार्थना पत्र भेजा, लेकिन कार्रवाई न होने पर उन्होंने न्यायालय की शरण ली। कोर्ट में प्रस्तुत तथ्यों को देखते हुए सीजेएम कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
एएसपी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर दर्ज मुकदमें में पैलानी थाना पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है जो भी साक्ष्य मिलेंगे उसे कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा। ———————
(Udaipur Kiran) / अनिल सिंह