
कोलकाता, 19 जून (Udaipur Kiran) । कोलकाता के गार्डेनरिच स्थित एक सरकारी अस्पताल में नेत्र शिविर के दौरान कराए गए मोतियाबिंद (छानी) ऑपरेशन के बाद आंख की रोशनी गंवाने का आरोप लगाते हुए एक व्यक्ति ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पीड़ित गोबिंदचंद्र हालदार ने कोर्ट से मामले की जांच और मुआवजे की मांग की है।
गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह यह पता लगाए कि संबंधित शिविर में कितने लोगों का ऑपरेशन किया गया था, और क्या उनमें से किसी और ने भी ऑपरेशन के बाद किसी तरह की शिकायत की है। अदालत ने इस पूरे घटनाक्रम की प्राथमिक जांच कर 10 जुलाई तक रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। सभी पक्षों को यह रिपोर्ट दी जाएगी और वे 22 जुलाई को अगली सुनवाई से पहले उस पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कर सकेंगे।
गोबिंदचंद्र हालदार ने अपने आवेदन में दावा किया है कि ऑपरेशन के बाद उनकी आंख में गंभीर क्षति हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि उसी शिविर में ऑपरेशन करवाने वाले कई अन्य लोगों की आंखों में भी समस्या आई है। पीड़ित पक्ष ने इसे एक गंभीर लापरवाही मानते हुए अदालत से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।
यह पहला मौका नहीं है जब गार्डेनरिच क्षेत्र के अस्पतालों में मोतियाबिंद ऑपरेशन को लेकर विवाद हुआ हो। इससे पहले पिछले वर्ष मेटियाब्रुज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें कई मरीजों ने ऑपरेशन के बाद दिखाई देने में परेशानी की शिकायत की थी। उस समय स्वास्थ्य भवन को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था और 16 मरीजों को कोलकाता स्थित रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ ऑप्थाल्मोलॉजी में भर्ती कर जांच कराई गई थी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
