
मुरादाबाद, 18 सितम्बर (Udaipur Kiran) । मुरादाबाद महानगर के थाना सिविल लाइन क्षेत्र के चक्कर की मिलक स्थित समाजवादी पार्टी मुरादाबाद के जिला कार्यालय के आवंटन को निरस्त करने का मामला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तक पहुंच गया है। गुरुवार को स्थानीय पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को पूरे प्रकरण की जानकारी दी है। एक दिन पहले सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव को प्रशासन द्वारा 7 दिन के अंदर पार्टी कार्यालय खाली कराने का नोटिस प्राप्त कराया गया है। प्रशासन की तरफ से अल्टीमेटम दिया गया है कि 7 दिन बाद नगर निगम पार्टी कार्यालय को अपने कब्जे में ले लेगा।
मुरादाबाद के थाना सिविल लाइंस में चक्कर की मिलक रोड स्थित कोठी नंबर-4 में समाजवादी पार्टी का कार्यालय बना हुआ है। 28 जुलाई 1994 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इसका उद्घाटन उप्र सरकार में तत्कालीन नगर विकास एवं जलापूर्ति मंत्री रमाशंकर कौशिक की अध्यक्षता में किया था। एक कोठी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को 250 रुपये मासिक किराए पर आवंटित की गई थी। हालांकि मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद पार्टी की ओर से इस भवन के नामांतरण या नवीनीकरण को लेकर कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं की गई।
मुरादाबाद के जिलाधिकारी अनुज सिंह ने 31 साल पुराने इस आवंटन को पूर्व में निरस्त कर दिया था और नोटिस जारी किया था। जिला प्रशासन ने नोटिस में कहा था कि 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनी यह कोठी नजूल की भूमि पर बनी है जिसका स्वामी उत्तर प्रदेश राज्य है और नगर निगम के प्रबंधन में है। मुलायम सिंह की मृत्यु के बाद उक्त भवन के नामांतरण के सम्बंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई। वर्तमान में सरकारी योजना हेतु विभाग को शासकीय भूमियों की आवश्यकता है। अधिकारियों के आवास की भी आवश्यकता है। ऐसी परिस्थिति में नोटिस प्राप्ति के एक माह के भीतर भवन को खाली कर दिया जाए। जिला प्रशासन ने बीती 30 जुलाई को सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव को नोटिस जारी कर भवन खाली करने के लिए कहा था।
जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत कराते हुए पूरे मामले की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि बुधवार को उन्हें जिला प्रशासन से नोटिस भी प्राप्त हुआ है। इस नोटिस में कार्यालय के आवंटन को निरस्त किए जाने की बात कही गई है। जयवीर यादव के अनुसार आज अखिलेश यादव ने कार्यालय का आवंटन निरस्त करने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए विधिक मामले के जानकारों से चर्चा करने की बात कही है।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल
