Madhya Pradesh

शिवाजी मैदान को लेकर धार्मिक संगठनों एवं राजनीतिक दलों का जंगी प्रदर्शन, कैंट बोर्ड ने मानी मांग

शिवाजी मैदान को लेकर धार्मिक संगठनों एवं राजनीतिक दलों का जंगी प्रदर्शन, कैंट बोर्ड ने मानी मांग

जबलपुर, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । कैंट बोर्ड प्रशासन ने 2016 के एक स्वीकृत प्रस्ताव को में परिवर्तन करते हुए फरवरी 2025 में स्पेशल बोर्ड बैठक कर शिवाजी मैदान में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रेंट निर्धारित को लेकर उपजे विरोध में रामलीला समिति व अन्य संगठनों के आव्हान पर आज मंगलवार को सदर बाजार बंद रहा। बाजार बंद कराने को लेकर सुबह से ही विभिन्न संगठन जिनमें श्री धनुष यज्ञ रामलीला समिति एवं एवं स्वर्गीय गंगा प्रसाद तिवारी बाजपेई, अखाड़े के साथ भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल, बजरंग दल, कांग्रेस, सदर बाजार की सभी धार्मिक सामाजिक एवं गणेश उत्सव दुर्गा उत्सव समितियां सक्रिय हो गए थे।

रामलीला मैदान में एकत्रित हुए सभी संगठन के प्रतिनिधि यहां से धर्म गुरुओं के नेतृत्व में रैली की शक्ल में सदर बाजार की विभिन्न गलियों से नारेबाजी करते हुए शिवाजी ग्रांउड के समीप पहुंची। पुलिस ने यहां बैरिकेडिंग कर रखी थी,लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए बोर्ड कार्यालय तक जा पहुंचे। पुलिस से झड़प होने के बाद प्रदर्शन किया गया। पूर्व कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष अभिषेक चौकसे का कहना है कि किया था। ऐसे में मौखिक आश्वासन पर यह कैसे मान लिया जाए कि बोर्ड प्रशासन ने अब निर्धारित किया गया शुल्क वापस ले लिया है। प्रक्रिया के तहत तो कैंट बोर्ड प्रशासन को पुन:स्पेशल बैठक आयोजित कर रेजुलेशन पास करना चाहिए। इसलिए जब तक शिवाजी ग्राउंड को दशहरा,दंगल एवं अन्य धार्मिक आयोजनों के नि:शुल्क किए जाने का लिखित प्रस्ताव पास नहीं हो जाता आंदोलन को जारी रखा जाएगा।

इसके पश्चात सभी प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए धार्मिक संगठनों एवं राजनीतिक दालों के संयुक्त प्रयास का फल यह हुआ की शाम को केंट प्रशासन ने बात मानी एवं लिखित में एक पत्र जारी कर बताया गया कि धार्मिक आयोजन हेतु शिवाजी ग्राउंड का आवंटन विगत वर्षों की भांति यथावत रखा जाएगा जिसे आगामी बोर्ड मीटिंग में रखकर पारित किया जाएगा। इस प्रदर्शन में दिनेश यादव, आलोक मिश्रा, संजय यादव, अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल के कन्हैया तिवारी सहित अनेक धर्मगुरु उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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