
लखनऊ,18 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया। बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी मंत्री के आवास के सामने नारेबाजी कर रहे हैं। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। अभ्यर्थियों का कहना है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में व्यापक स्तर पर अनियमितता हुई जिस कारण से आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यर्थी नौकरी पाने से वंचित हो गए। इस मामले की लंबी सुनवाई हाई कोर्ट में हुई और फैसला उनके पक्ष में आया। लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण उसका पालन नहीं हो सका और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में भी पक्ष रखने से पीछे हट रही है। यह अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी करे और जल्द इस मामले का निस्तारण कराये। कोर्ट में 20 से अधिक तारीख लगी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी।
धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने (Udaipur Kiran) को बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया और नियमों का पालन करते हुए तीन महीने के अंदर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया। लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली करती रही और मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार लापरवाही कर रही है जिस कारण से आज हम लोगों को सड़क पर उतरना पड़ा। हमारी मांग है की सरकार सुप्रीम कोर्ट में हमारी मजबूत पैरवी करे और हमें जल्द न्याय दिलाए।————–
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
