
-पॉक्सो एक्ट 2012 पर सूचना पत्र का विमोचन
नैनीताल, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । बालिकाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा, बाल विवाह और तस्करी की रोकथाम के प्रयासों पर विचार करने के उद्देश्य से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से ‘उजाला’ यानी उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी भवाली में “बालिका सुरक्षा: भारत में उसके लिए एक सुरक्षित और सशक्त वातावरण की ओर” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस माैके पर न्यायमूर्ति रवींद्र मैथानी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बालिकाओं से निर्भीक और आत्मविश्वासी बनने का आह्वान किया।
कार्यशाला का उद्घाटन उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश गुहानाथन नरेंद्र और रवींद्र मैथानी, आलोक कुमार वर्मा, राकेश थपलियाल, आलोक माहरा एवं सुभाष उपाध्याय आदि न्यायमूर्तिगणों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अवसर पर उत्तराखंड विधिक एवं न्यायिक अकादमी की ओर से तैयार की गई जनरल रूल्स (क्रिमिनल) पुस्तिका और किशोर न्याय समिति की ओर से तैयार पॉक्सो एक्ट 2012 पर सूचना पत्र का विमोचन भी किया गया।
न्यायमूर्ति रवींद्र मैथानी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बालिकाओं से निर्भीक और आत्मविश्वासी बनने का आह्वान किया। उन्हाेंने कहा कि आज भी बालिकाओं के विरुद्ध हिंसा और बाल विवाह की रोकथाम पर चिंतन आवश्यक है और सभी हितधारकों को अपनी भूमिका प्रतिबद्धता से निभानी चाहिए।
किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने पीसीपीएनडीटी एक्ट और एमटीपी एक्ट पर चर्चा की और कानून के दुरुपयोग तथा पॉक्सो एक्ट में गवाहों के बयान रिकॉर्ड करने पर विशेष ध्यान आकर्षित किया।
न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय ने न्यायपालिका और कानून लागू करने वाली संस्थाओं की भूमिका स्पष्ट की, जबकि न्यायमूर्ति आलोक महरा ने संविधान और सर्वोच्च न्यायालय की ओर से बालिका सुरक्षा एवं सशक्तिकरण पर दिये गए निर्णयों पर ध्यान दिलाया।
कार्यशाला में चार सत्र आयोजित किए गए, जिनमें महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास सचिव चंद्रेश यादव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. रश्मि पंत, पुलिस अधीक्षक निहारिका तोमर सहित विषय विशेषज्ञ भारती अली, डॉ.संगीता गौड़, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, डॉ.मंजू ढौंढियाल और सिविल सोसाइटी की प्रतिनिधि अदिति कौर एवं कंचन चौधरी ने विचार प्रस्तुत किए।
उजाला के निदेशक, उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, प्रदेश के जिला न्यायाधीश, पॉक्सो कोर्ट एवं त्वरित न्याय विशेष न्यायालय के अधिकारी और बाल न्यायालय बोर्ड के मुख्य न्यायाधीशों सहित महिला सशक्तिकरण, बाल विकास, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण और पंचायती राज विभाग के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
