
कुलपति बोलीं राजनीतिक दबाव में नहीं झुकेगा विश्वविद्यालय
कोलकाता, 04 अगस्त (Udaipur Kiran) । कलकत्ता विश्वविद्यालय ने 28 अगस्त को होने वाली स्नातक विधि (बीए-एलएलबी) और बी.कॉम सेमेस्टर- चार की परीक्षाएं स्थगित करने से इनकार कर दिया है। यह वही तारीख है जब सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई टीएमसीपी का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इसी के संदर्भ में कोलकाता में रैली निकाली जाती है। विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति डॉ. संता दत्ता ने सोमवार को साफ शब्दों में कहा है कि विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक स्वायत्तता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
डॉ. दत्ता ने बताया कि सिंडिकेट की आपात बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई, जिसमें ज्यादातर सदस्यों ने परीक्षा की तिथि बदलने के प्रस्ताव का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक सदस्य ओमप्रकाश मिश्रा ने असहमति जताई और उच्च शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि ने आपत्ति दर्ज की, बाकी सभी ने हमारी पूर्व निर्णय का समर्थन किया है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकारी छुट्टियों को छोड़ दें तो किसी राजनीतिक संगठन के कार्यक्रम के कारण विश्वविद्यालय की परीक्षाएं टालने का कोई उदाहरण नहीं है। यह निर्णय विश्वविद्यालय की 168 वर्षो की शैक्षणिक विरासत और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि तीन दिन पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने विश्वविद्यालय से 28 अगस्त की परीक्षा टालने का अनुरोध किया था, यह कहते हुए कि रैली के कारण परीक्षार्थियों को असुविधा हो सकती है। इस पर कुलपति ने सवाल उठाया कि राज्य सरकार किसी राजनीतिक दल को खुलेआम लाभ पहुंचाने के लिए कैसे ऐसा पत्र जारी कर सकती है? उन्होंने कहा कि इस तरह की चिट्ठियां विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को चोट पहुंचाती हैं।
डॉ. दत्ता ने यह भी बताया कि परीक्षा कार्यक्रम पहले से तय किया गया था और इसमें सभी सरकारी छुट्टियों का ध्यान रखा गया था। 28 अगस्त कोई घोषित अवकाश नहीं है। हमारे जैसे बड़े संस्थान में परीक्षा तिथि तय करते समय कई तकनीकी पहलुओं पर विचार करना पड़ता है ।
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैफिक जाम की आशंका को देखते हुए परिवहन विभाग और प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि उस दिन सुचारु यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार बंद के दौरान कर्मचारियों और आम जनता के लिए आवागमन सुचारू रख सकती है, तो 28 अगस्त को भी वैसी ही व्यवस्था की जा सकती है।
डॉ. दत्ता ने यह भी बताया कि इस दिन लगभग 30 हजार परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। इनमें से कितने रैली में शामिल होंगे या कितनों ने परीक्षा टालने का अनुरोध किया है – गिनती के कुछ ही होंगे।
कुलपति ने यह भी स्पष्ट किया कि जो छात्र 28 अगस्त को परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे, उनके लिए अलग से निर्णय बाद में लिया जाएगा।
टीएमसीपी की ओर से डॉ. दत्ता पर सत्तारूढ़ दल के विरोध में काम करने का आरोप लगाया गया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष त्रिनांकुर भट्टाचार्य ने कहा है कि यह सिर्फ शैक्षणिक निर्णय नहीं है। कुलपति को उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश का पालन करना चाहिए। वह व्यवस्था से ऊपर नहीं हैं।
गौरतलब है कि डॉ. दत्ता को 2023 में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस द्वारा कार्यवाहक कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया था, जब पूर्व कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी को नियुक्ति में अनियमितताओं के आरोपों के बाद पद छोड़ना पड़ा था।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
