
कोलकाता, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । कलकत्ता हाईकोर्ट ने साल 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या मामले में नामजद दो कोलकाता पुलिसकर्मियों की भूमिका को लेकर सीबीआई से रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। न्यायमूर्ति शुभ्र घोष की एकल पीठ ने मंगलवार को यह निर्देश तब दिया जब आरोपित पुलिसकर्मियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हो रही थी।
सीबीआई ने इस हत्याकांड से जुड़ी अपनी नवीनतम अनुपूरक आरोपपत्र में कार्यरत सब-इंस्पेक्टर रत्ना सरकार और होम गार्ड दीपंकर देबनाथ के नाम शामिल किए हैं। दोनों को 18 जुलाई को एक विशेष अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जो 31 जुलाई तक के लिए है। उनके साथ इस मामले में रिटायर्ड सहायक आयुक्त शुभोजीत सेन को भी आरोपित बनाया गया है, जो घटना के वक्त नारकेलडांगा थाने के प्रभारी थे।
न्यायमूर्ति घोष ने सीबीआई को शुक्रवार तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है, जब मामले की अगली सुनवाई होगी।
18 जुलाई को विशेष अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा था कि यदि कानून के रक्षक ही हत्यारे बन जाएं, तो समाज में इसका व्यापक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और जनता का भरोसा बुरी तरह टूटता है।
उत्तर कोलकाता के कांकुड़गाछी इलाके के निवासी भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या दो मई 2021 को हुई थी, जिस दिन पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे। उसी दिन तृणमूल कांग्रेस को भारी बहुमत से जीत मिली थी। हत्या की प्रारंभिक जांच कोलकाता पुलिस की होमिसाइड स्क्वाड ने की थी, जिसने 15 आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
हालांकि, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद अगस्त 2021 में जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई ने सितंबर 2021 में 20 आरोपितों के खिलाफ अनुपूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिनमें पहले से नामजद 15 लोग भी शामिल थे।
ताजा घटनाक्रम में सीबीआई ने दो जुलाई 2024 को एक और अनुपूरक आरोपपत्र दाखिल करते हुए 18 नए आरोपितों के नाम जोड़े हैं। अब तक इस मामले में कुल 38 लोगों को आरोपित बनाया गया है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
