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केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने की मैराथन जनसुनवाई

केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने की मैराथन जनसुनवाई

जयपुर, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने बारिश के बीच रविवार काे अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया। उन्होंने सुमेरपुर के पंचायत समिति सभागार में मैराथन जनसुनवाई करते हुए दूर-दराज से आए परिवादियों की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी शिकायतों का शीघ्र निस्तारण करें।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा है कि आमजन को किसी प्रकार की परेशानी न हो। मंत्री कुमावत ने बारिश को देखते हुए अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा। हरियालो राजस्थान और एक पेड़ मां के नाम अभियान पर जोर दिया। उन्होंने सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और लोगों से इनका लाभ लेने को कहा। करीब छह घंटे तक चली इस जनसुनवाई में ग्रामीणों ने बिजली, पानी, सड़क, पेंशन और रास्ते से जुड़ी समस्याएं रखीं। इनमें से अधिकतर का मौके पर ही निस्तारण किया गया, जबकि 40 प्रकरणों को पंजीकृत कर संबंधित विभागों को भेजा गया। लोगों ने मंत्री से आग्रह किया कि इन प्रकरणों की प्रगति रिपोर्ट की मॉनिटरिंग कर समाधान सुनिश्चित किया जाए।

जनसुनवाई के दौरान गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत के सामने निराश्रित गोवंश की वजह से आए दिन हो रही दुर्घटनाओं का मुद्दा उठाया गया। स्थानीय लोगों ने सुमेरपुर शहर में घूम रहे निराश्रित गोवंश को गोशालाओं में भेजने की मांग की । इस पर मंत्री कुमावत ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के सहयोग से क्षेत्र की हर गोशाला में 50-50 गोवंश रखने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि इनसे किसी को परेशानी न हो। इसके लिए एसडीएम को निर्देश दे दिए गए हैं।

इसी तरह बलाना गांव की गोचर भूमि पर डंपिंग यार्ड नहीं बनाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने मंत्री कुमावत को ज्ञापन सौंपा। ग्राम प्रशासक शंभूराम मीना ने मंत्री को बताया कि तखतगढ़ नगरपालिका ने बलाना के खसरा नंबर 1, 2 और 3 से 1.52 हेक्टेयर गोचर भूमि के लिए एनओसी मांगी थी। ग्राम सभा और पंचायत की बैठकों में एनओसी देने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके बावजूद राजस्व अधिकारी और जिला प्रशासन भूमि आवंटन पर अड़े हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि बलाना में करीब 2400 पशु हैं। जबकि रिकॉर्ड में केवल 81.92 हेक्टेयर गोचर भूमि दर्ज है, जो नियमों के अनुसार कम है। प्रस्तावित खसरे से सटी 0.82 हेक्टेयर भूमि जनजाति छात्रावास के लिए राज्य सरकार ने आवंटित की है। यहां जल्द ही आश्रम छात्रावास का निर्माण प्रस्तावित है। ग्रामीणों का आरोप है कि नगरपालिका के पास पहले से डंपिंग यार्ड के लिए जमीन है। इसलिए उसे अपनी सीमा में ही डंपिंग यार्ड बनाने के लिए बाध्य किया जाए।

जनसुनवाई में प्रधान उर्मिला कंवर, जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि शिवराज सिंह बिठीया, पूनमसिंह परमार, अमृत माली, सलोदरिया के सरपंच परबत सिंह, पोमारा के गोविंद सिंह, जवाई बांध के प्रतिनिधि जयनारायण सीपा, कोरटा गजेंद्र सिंह, बामनेरा के रमणीक जी, सिंदरू के नरेंद्र देवासी, घणा के पेमाराम, भारूंदा के हिम्मताराम, पालड़ी जोड़ के महेंद्र सिंह, बलाना के शंभुराम मीणा, एसडीएम कालूराम, पुलिस उपाधीक्षक जितेंद्र सिंह, तहसीलदार दिनेश आचार्य, बीडीओ प्रमोद दवे, ईओ नरपत सिंह राजपुरोहित, तख्तगढ नगरपालिका के अध्यक्ष, पूर्व सांसद प्रतिनिधि सहित ग्राम प्रशासक और ब्लॉक स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran)

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