
क्वेटा, 06 अगस्त (Udaipur Kiran) । बलूचिस्तान के नागरिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक अधिकारों की वकालत करने वाले समूह बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) ने संघीय सरकार के हाल ही में बलूचिस्तान से होकर चेहल्लुम के लिए इराक जाने वाले शिया तीर्थयात्रियों के काफिले पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की निंदा की है। समूह ने इस कदम को संवैधानिक और मौलिक अधिकारों का उल्लंघनऔर इसे तथाकथित सुरक्षा के नाम पर किया गया धार्मिक भेदभाव बताया है। बीवाईसी की यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ की टिप्पणी के बाद आई है। आसिफ ने मंगलवार को इस्लामाबाद में कहा था कि सरकार ने तीर्थयात्रियों के काफिले को निशाना बनाकर आतंकवादी हमलों के खतरे के कारण क्वेटा से 800 किलोमीटर के भूमि मार्ग पर यात्रा प्रतिबंधित कर दी है।
द बलूचिस्तान पोस्ट की खबर के अनुसार, बीवाईसी ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है। तथाकथित सुरक्षा के नाम पर लगाया गया कोई भी प्रतिबंध अस्वीकार्य है। समूह ने आरोप लगाया कि राज्य ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने मूल कर्तव्य को पूरा करने के बजाय यह प्रतिबंध लगाया है। बीवाईसी ने कहा, राज्य की जिम्मेदारी धार्मिक अनुष्ठान करने वाले नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करना है, न कि आस्था के आधार पर उन्हें बाधित करना।
बीवाईसी ने बयान में कहा कि कि शिया तीर्थयात्रियों ने प्रतिबंध के विरोध में कराची से रिमदान सीमा तक लंबे मार्च की घोषणा की है। समूह ने इस मार्च को संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार बताया और विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वालों के साथ अपना पूर्ण समर्थन और एकजुटता व्यक्त की।बीवाईसी ने कहा, हम मांग करते हैं कि शिया तीर्थयात्रियों के कारवां पर प्रतिबंध तुरंत हटाया जाए और बलूचिस्तान से ईरान और इराक जाने वालों को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाए। बयान में अधिकारियों को चेतावनी दी गई है कि वे बल प्रयोग या दबाव के जरिए मार्च में बाधा डालने का प्रयास न करें। गौरतलब है कि पाकिस्तान के संघीय गृहमंत्री ने भी हाल ही में घोषणा की थी कि शिया तीर्थयात्रियों को बलूचिस्तान के रास्ते इराक जाने से रोका जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
