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उपचुनावः चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न

आयोग ने दी मोबाइल जमा कराने की सुविधा

नई दिल्ली, 19 जून (Udaipur Kiran) । गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल की कुल पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए गुरुवार को मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में हाल ही में लागू किए गए तकनीकी उपायों और मतदाता सुविधा प्रयासों की सफलता भी इस बार मतदान प्रक्रिया में साफ दिखाई दी। चुनाव आयोग ने कहा कि इन पहलों की सफलता आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में पूर्ण रूप से लागू करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

वोटर टर्नआउट ऐप पर जारी शाम 7 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, केरल के नीलांबुर और पश्चिम बंगाल के कालीगंज में अधिक मतदाता उत्साह देखने को मिला। यहां क्रमश: 70.76 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल के कालीगंज में 69.85 प्रतिशत मतदान हुआ। गुजरात के दो विधानसभा क्षेत्रों- विसावदर और कड़ी में क्रमशः 54.61 प्रतिशत और 54.49 प्रतिशत मतदान हुआ। पंजाब के लुधियाना वेस्ट में सबसे कम 49.07 प्रतिशत मतदान हुआ। हालांकि ये मतदान के अंतिम आंकड़े नहीं हैं। मतों की गणना 23 जून को होगी।

चुनाव आयोग ने आज पांच विधानसभा क्षेत्रों में कराए गए उपचुनावों के दौरान हाल ही में शुरू की गई कई नई पहलों को सफलतापूर्वक लागू किया। मतदान के लिए कुल 1354 मतदान केंद्र बनाए गए थे।

पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के जनवरी में निधन के बाद खाली हो गई। पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट तृणमूल कांग्रेस के विधायक नसीरुद्दीन अहमद के फरवरी में निधन होने के कारण रिक्त हुई थी। उनकी बेटी अलीफा तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। भाजपा ने आशीष घोष को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार काबिल उद्दीन शेख को माकपा का समर्थन प्राप्त है। वहीं, केरल की नीलांबुर सीट पीवी अनवर के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी।

चुनाव आयोग की नई पहल इस प्रकार हैं -मोबाइल जमा सुविधा : पहली बार सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए मोबाइल जमा करने की व्यवस्था की गई, जिससे वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग मतदाताओं को विशेष सुविधा मिली।

उन्नत मतदाता उपस्थिति रिपोर्टिंग प्रणाली): प्रत्येक दो घंटे में ईसीआईनेट ऐप के माध्यम से मतदान प्रतिशत की जानकारी सीधे पीठासीन अधिकारियों द्वारा अपलोड की गई।

वेबकास्टिंग 100 प्रतिशत : मतदान दिवस की गतिविधियों की निगरानी के लिए सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की गई, जिससे पारदर्शिता बनी रही।

मॉक पोल प्रशिक्षण: सभी पीठासीन अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से मॉक पोल का प्रशिक्षण दिया गया।

विशेष सारांश पुनरीक्षण: लगभग दो दशकों में पहली बार उपचुनाव से पूर्व मतदाता सूची का विशेष सारांश पुनरीक्षण कराया गया।

आयोग ने कहा है कि पहले जहां मतदान प्रतिशत की जानकारी देर रात या अगले दिन तक मिलती थी, अब पीठासीन अधिकारी मतदान केंद्र छोड़ने से पहले ही डेटा अपडेट कर रहे हैं। इससे चुनाव प्रक्रिया अधिक तेज़ और पारदर्शी हो गई है।———–

(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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