Assam

बीटीसी प्रमुख ने बीटीआर में किसानों के लिए शुरू किया सूखा राहत कार्यक्रम

कोकराझार (असम), 2 अगस्त (Udaipur Kiran) । जलवायु परिवर्तन के चलते समूचा राज्य और देश जहां तीव्र तापमान और अनियमित मानसून के प्रभाव से जूझ रहा है, वहीं बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) भी इस वर्ष सूखा जैसी गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। कोकराझार, चिरांग, बाक्सा और तामुलपुर जिलों में गंभीर सूखे की स्थिति बनी हुई है, जबकि उदालगुरी जिला मध्यम स्तर के सूखे से प्रभावित है। इससे क्षेत्र में धान उत्पादन और हजारों किसान परिवारों की खाद्य सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

इस संकट के समाधान हेतु बोड़ोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) प्रमुख प्रमोद बोड़ो ने “वाइब्रेंट बीटीआर, वाइब्रेंट एग्रीकल्चर – मिशन से एक्शन की ओर” दृष्टिकोण के अंतर्गत एक व्यापक सूखा राहत कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह पहल प्रभावित किसानों को तात्कालिक राहत देने के साथ-साथ भविष्य में ऐसी जलवायु आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए दीर्घकालिक व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत, बीटीआर के कृषि बजट का 5 प्रतिशत हिस्सा आपदा प्रबंधन के लिए विशेष रूप से आरक्षित किया जाएगा। यह राशि सूखा, बाढ़, टिड्डी हमला और कीट प्रकोप जैसी आपातकालीन परिस्थितियों के दौरान किसानों को त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करने में सहायक होगी।

साथ ही, प्रत्येक एडीओ सर्किल कार्यालय में एक विशेष आपदा निगरानी प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी, जिससे जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन कर शीघ्र प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, कृषि, सिंचाई, मृदा संरक्षण तथा जल संसाधन विभागों के समन्वय से प्रत्येक एडीओ सर्किल में मॉडल क्लाइमेट रेजिलिएंट वीसीडीसी यूनिट्स की स्थापना की योजना है। ये इकाइयां सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने, सिंचाई अवसंरचना को मजबूत करने और किसानों को जलवायु जनित संकटों से निपटने हेतु सक्षम बनाने पर केंद्रित रहेंगी।

(Udaipur Kiran) / किशोर मिश्रा

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