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तालिबान सरकार की नजरबंदी में रहा ब्रिटिश दंपति रिहा

लंदन/काबुल, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने पुष्टि की है कि एक ब्रिटिश दंपति को अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने महीनों की नज़रबंदी के बाद रिहा कर दिया है। तालिबान सरकार ने 76 वर्षीय बार्बी रेनॉल्ड्स और उनके 80 वर्षीय पति पीटर को आठ महीने की नज़रबंदी के बाद रिहा किया। दंपति को फरवरी में मध्य अफ़ग़ानिस्तान के बामयान प्रांत स्थित घर जाते समय गिरफ़्तार करं बिना किसी आरोप के हिरासत में रखा गया था। लंबे समय तक वे अलग-थलग एक उच्च सुरक्षा वाली जेल में रखे गएा। दंपति लगभग दो दशकों से अफ़ग़ानिस्तान में रहते हुए एक प्रशिक्षण एवं शिक्षा संगठन चलाते थे। इस बीच काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दाेहा जाने के लिए विमान में सवार हाेने से पहले संवाददाताओं से बातचीत में बार्बी रेनॉल्ड्स ने कहा कि वह अपने बच्चों और अपने परिजनों से मिलने के लिए उत्सुक हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अफ़ग़ानिस्तान वापस लौटेंगी, उन्होंने जवाब दिया, अगर हम आ सकें तो। इस अवसर पर ब्रिटेन के मध्य पूर्व, अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान मामलाें के मंत्री हामिश फ़ॉलकॉनर ने कहा, मुझे यह सुनकर राहत मिली है कि पीटर और बार्बी रेनॉल्ड्स अब अफ़ग़ानिस्तान में नज़रबंद नहीं हैं और उनकी कठिन परीक्षा समाप्त हो गई है। मैं जल्द ही उन्हें उनके परिजनाें के साथ देखने की आशा करता हूँ। ब्रिटेन ने उनकी नज़रबंदी के बाद उनकी रिहाई के लिए काफी काेशिशें की और पूरे समय परिवार का समर्थन किया है। उन्हाेंने बताया कि क़तर ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिसके लिए ब्रिटेन उसका आभारी है। क़तर मध्य पूर्व और उसके बाहर संघर्ष मध्यस्थता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। साथ ही उन्हाेंने ब्रिटेन के नागरिकों काे अफ़ग़ानिस्तान की यात्रा नहीं करने की सलाह दी। इस बीच काबुल में दंपति के साथ मौजूद अफ़ग़ानिस्तान में ब्रिटेन के विशेष दूत रिचर्ड लिंडसे ने कहा, दंपति काे रिहा कराने में क़तर सरकार के प्रयासों के लिए हम उनके बेहद आभारी हैं। इस माैके पर अफ़ग़ानिस्तान में कतर के एक वरिष्ठ राजनयिक मिर्डेफ़ अली अलकाशौती ने कहा, हम इस मामले को निपटाने में सहयोग के लिए अफ़ग़ानिस्तान और ब्रिटेन के बहुत आभारी हैं। यह हमारे लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने का एक बहुत अच्छा अवसर है ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि हम समस्याओं और संघर्षों से इसी तरह निपटें और उन्हें अच्छे शिष्टाचार और शांतिपूर्ण समाधानों के साथ हल करें। दंपति के पांच बच्चे, 17 पोते-पोतियां और तीन परपोते-परपोतियां हैं, जो ब्रिटेन और अमेरिका में रहते हैं।———–

(Udaipur Kiran) / नवनी करवाल

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