Uttar Pradesh

भरतपुर के रियासत कालीन झंडा हटाने से बृज जाट समुदाय में उबाल

जाट समुदाय में नाराजगी

आगरा, 15 सितम्बर (Udaipur Kiran) । राजस्थान के भरतपुर जनपद मे भरतपुर रियासत के झंडे को राजकुमार अनिरुद्ध सिंह द्वारा हटाकर दूसरा झंडा लगाए जाने को लेकर बृज क्षेत्र के जाट समुदाय में भारी नाराजगी है। झंडे को हटाए जाने के विरोध में जाट समुदाय ने लामबंद होकर 21 सितम्बर को भरतपुर किला मोती महल में महापंचायत करने का ऐलान किया है।

विगत दिनों भरतपुर रियासत के महाराजा विश्वेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके जानकारी दी कि राजकुमार अनिरुद्ध सिंह ने भरतपुर रियासत के पुराने झंडे को बदलकर अपनी स्वेच्छा से एक अलग झंडा लगा दिया है। यह जानकारी मिलने पर बृज क्षेत्र के भरतपुर, आगरा, मथुरा सहित आसपास के जाट बाहुल्य क्षेत्रो में अनिरुद्ध सिंह के प्रति भारी नाराजगी सामने आई है।

उत्तर प्रदेश के जनपद आगरा की सीमा राजस्थान के भरतपुर जनपद से लगी हुई है।राजस्थान में भरतपुर और सीमा से लगे हुए उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा में जाट समुदाय बड़ी तादाद में है। इन क्षेत्रों में भी जाट समुदाय द्वारा रियासती झंडा बदलने का विरोध किया जा रहा है।

बताते चलें कि भरतपुर रियासत में महाराजा व पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह और उनके पुत्र अनिरुद्ध सिंह के मध्य सम्पत्ति को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा है। मामला पुलिस में अभियोग पंजीकरण से लेकर न्यायालय के मुकदमों तक जारी है। इसी विवाद के चलते विश्वेंद्र सिंह मोती महल से बाहर फार्म हाउस में रह रहे हैं। विश्वेंद्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह और पत्नी पूर्व सांसद दिव्या सिंह एक साथ हैं। पिता पुत्र के इस रियासती विवाद में झंडा बदले जाने को लेकर जाट समाज की भावनाएं पिता विश्वेंद्र सिंह की तरफ झुकती नजर आ रही हैं।

कप्तान सिंह चाहर जिलाध्यक्ष अखिल भारतीय जाट महासभा आगरा ने बताया कि हालाँकि सम्पत्ति को लेकर विवाद राजघराने का आपसी मामला है, लेकिन भरतपुर रियासत का झंडा बदलने का हक राजकुमार अनुरोध सिंह को नहीं है। यह जाट समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाला कदम है। इसलिए ये मामला पारिवारिक न होकर सामाजिक बन गया है। किसी भी राजघराने का झंडा तभी बदला जाता है जब वो हार मान ले। हम इस कार्रवाई का पुरजोर विरोध करते हैं और और इसी के चलते 21 सितम्बर तक अनिरुद्ध सिंह को समय दे रहे हैं कि वह पुराने झंडे को ही मोती महल पर लगाए नहीं तो 21 सितम्बर को मोती महल में जाट समुदाय की बड़ी पंचायत आयोजित की जाएगी जिसमें हम खुद झंडा लगाएंगे और महाराजा विश्वेंद्र सिंह को मोती महल में प्रवेश करेंगे।

एक वीडियो वायरल कर अनिरुद्ध सिंह ने भी अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा है। नया झंडा देश विरोधी नहीं है। पुराना झंडा युद्ध कालीन था जो हर एक समय लगाया जाना उचित नहीं है, इसलिए हटाया गया।

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(Udaipur Kiran) / Vivek Upadhyay

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