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धराली त्रासदी में लापता अग्निवीर भीम सिंह का मिला पार्थिव शरीर

5 जून 2025 काे पासआउट होने के बाद पिता महेश सिंह, भाई कंवरपाल और मां विनोद कंवर के साथ भीम सिंह।

जयपुर, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) में पांच अगस्त को हुई भीषण प्राकृतिक आपदा में लापता हुए कोटपूतली-बहरोड़ के भौनावास गांव निवासी अग्निवीर भीम सिंह (19) का शव 68 दिन बाद बरामद हुआ है। डीएनए टेस्ट के बाद सोमवार को उनकी पहचान की पुष्टि हुई।

भीम सिंह 14 राजपूताना राइफल्स में बतौर अग्निवीर सेवारत थे और यह उनकी पहली पोस्टिंग थी। वह करीब नौ महीने पहले ही सेना में भर्ती हुए थे।

शहीद के दादा रिटायर्ड हवलदार ओनाड सिंह ने बताया कि रविवार सुबह बड़े भाई कंवरपाल सिंह को सीओ हर्षवर्धन सिंह का फोन आया था। उन्होंने जानकारी दी कि डीएनए मैच के बाद भीम सिंह के शव की पहचान हो गई है। पांच अगस्त को उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची थी। खीर गंगा नदी में आए मलबे ने महज 34 सैकेंड में पूरा गांव तबाह कर दिया था। इसमें कई लोगों की मौत हुई थी और कई जवान लापता हो गए थे, जिनमें भीम सिंह भी शामिल थे। गांव के बृजपाल, बलवीर सिंह और श्रवण सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह शहीद का पार्थिव शरीर प्रागपुरा थाने पहुंचेगा। वहां से तिरंगा यात्रा के साथ उनके पैतृक गांव भौनावास लाया जाएगा, जहां सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव में तिरंगा यात्रा की तैयारी पूरी कर ली गई है, रास्ते की सफाई और गेट सजावट का काम भी चल रहा है।

शहीद के बड़े भाई कंवरपाल सिंह ने बताया कि भीम एक नवंबर 2024 को ट्रेनिंग के लिए गए थे और पांच जून 2025 को पासआउट हुए थे। इसके बाद उनकी पोस्टिंग उत्तराखंड के हर्षिल में हुई थी। पांच अगस्त को हादसे के बाद उसका संपर्क टूट गया। सात अगस्त की रात सीओ ने सूचना दी कि भीम सिंह सहित आठ जवान लापता हैं। अब 68 दिन बाद डीएनए से उनकी पहचान पक्की हुई है।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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