Assam

बोड़ो शांति समझौता 2020 के बाद बीटीआर में शांति व प्रगति आई: राज्यपाल आचार्य

बाक्सा: रविवार को यहां मिशन 'ब्विसमुथि 2.0' के तहत भूमि आवंटन प्रमाणपत्र हस्तांतरण करते हुए राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य।

– मिशन ‘ब्विसमुथि 2.0’ शुरू, बाक्सा में राज्यपाल ने बांटे भूमि आवंटन प्रमाणपत्र

गुवाहाटी, 15 जून (Udaipur Kiran) । असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने शनिवार को बाक्सा जिले के खारूझार स्थित एकीकृत वस्त्र पार्क में आयोजित समारोह में मिशन ‘ब्विसमुथि 2.0’ का विधिवत शुभारंभ किया और बीटीआर क्षेत्र के लाभार्थियों को भूमि आवंटन प्रमाणपत्र वितरित किए।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि बीटीआर में आज जो शांति और विकास का माहौल है, उसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2020 में हुए ऐतिहासिक बोड़ो शांति समझौते को जाता है। उन्होंने कहा कि यह समझौता बीटीआर क्षेत्र में स्थायित्व, सौहार्द्र और समावेशी विकास की नींव बना।

राज्यपाल ने कहा, “भारत में भूमि सिर्फ एक संपत्ति नहीं, बल्कि पहचान, गरिमा और आजीविका का प्रतीक है। दशकों तक जटिल भूमि कानूनों के चलते हाशिये पर खड़े लोगों को अपने अधिकार नहीं मिल पाए। अब बीटीआर सरकार द्वारा भूमि प्रशासन को सरल, डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में जो पहलें हुई हैं, वे सराहनीय हैं।”

राज्यपाल ने मिशन ब्विसमुथि 1.0 की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि इसके तहत 1.88 लाख परिवारों ने डिजिटल पोर्टल पर आवेदन किया, जिसमें से 1.61 लाख से अधिक मामलों का निपटारा किया जा चुका है। मिशन 2.0 से इस प्रक्रिया को और सुगम और व्यापक बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि संशोधित छठी अनुसूची और 1886 के भूमि विनियमन अधिनियम का लाभ उठाते हुए अब तक 26,775 परिवारों को भूमि अधिकार दिए जा चुके हैं, जबकि 3.23 लाख से अधिक लाभार्थियों को भूमि संबंधित सेवाएं प्रदान की गई हैं। वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत अब तक 32,798 व्यक्तिगत और 1,161 सामुदायिक भूमि अधिकार पत्र जारी किए गए हैं।

राज्यपाल ने यह भी जानकारी दी कि 36 लंबे समय से बिना सर्वेक्षण वाले गांवों में सर्वे पूरा कर लिया गया है, जिससे हजारों लोगों को वर्षों बाद भूमि सुरक्षा मिली है। कृषि क्षेत्र में मिशन के सकारात्मक प्रभाव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आठ हजार से अधिक छोटे चाय उत्पादकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा, जो 2,239 हेक्टेयर में चाय की खेती कर रहे हैं।

राज्यपाल ने डिजिटल रिकार्ड कक्ष, जीआईएस लैब, डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के एकीकरण जैसी पहलों की भी सराहना की, जिससे भूमि विवाद घटे हैं और संस्थागत पारदर्शिता बढ़ी है।

उन्होंने कहा, “मिशन ब्विसमुथि 2.0 जैसे प्रयासों से बीटीआर क्षेत्र छठी अनुसूची क्षेत्रों के लिए भूमि प्रशासन का मॉडल बनकर उभर रहा है। यह विकास विकसित भारत 2047 के सपने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

इस मौके पर हथकरघा व वस्त्र मंत्री उर्खाओ गौरा ब्रह्म, बीटीआर के मुख्य कार्यकारी सदस्य प्रमोद बोड़ो, बीटीसी विधानसभा अध्यक्ष कातिराम बोड़ो, उप मुख्य कार्यकारी सदस्य गोबिंद चंद्र बसुमतारी, कार्यकारी सदस्य रंजीत बसुमतारी, धर्म नारायण दास, बीटीसी के प्रधान सचिव आकाश दीप, बाक्सा उपायुक्त गौतम दास समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इससे पूर्व राज्यपाल ने ग्रीन बोडोलैंड मिशन के तहत एक पौधा भी रोपा।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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