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मप्र के भोपाल की बड़ी झील में नावों का मुकाबला, रोमांच और कौशल का होगा अनूठा प्रदर्शन

सेलिंग प्रतियोगिता बड़ी झील में

भोपाल, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल की शान कही जाने वाली ऐतिहासिक बड़ी झील इन दिनों उत्साह और उमंग से सराबोर है। झील की लहरों पर अब ठंडी हवा और पानी की तरंगों के साथ नाविकों के साहस और कौशल का मुकाबला भी दिखाई देगा। मंगलवार यानी आज से यहाँ शुरू हो रहा राजा भोज मल्टीक्लास सेलिंग चैम्पियनशिप-2025 में राजधानी एक बार फिर जलक्रीड़ा उत्सव का केंद्र बनकर सामने आएगी। इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न हिस्सों से चुनिंदा नाविक हिस्सा ले रहे हैं।

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री सारंग करेंगे शुभारंभ

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने प्रतियोगिता का शुभारंभ करेंगे और इसके साथ ही बड़ी झील पर रोमांचक मुकाबलों की शुरुआत हो जाएगी । इस चैम्पियनशिप में देशभर से आए चुनिंदा नाविक अपनी प्रतिभा और हौसले का परिचय देंगे। आयोजन 21 सितंबर तक चलेगा और इन छह दिनों में भोपाल का खानूगांव किनारा नावों की रफ्तार और हवा की दिशा से बने अनूठे दृश्यों का साक्षी बनेगा।

भोपाल की बड़ी झील को मिल रही है अंतरराष्ट्रीय पहचान

उल्‍लेखनीय है कि राज्य सरकार ने लंबे समय से जलक्रीड़ा को प्रोत्साहन देने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं और इस आयोजन को उसी श्रृंखला का विस्तार माना जा रहा है। इस संबंध में अधिकारी दुर्गेश रायकवार कहते हैं कि इस चैम्पियनशिप में देश के विभिन्न हिस्सों से चयनित नाविक हिस्सा ले रहे हैं। प्रतियोगिता खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा का मंच तो दे ही रही है, यह हमारे भोपाल की बड़ी झील को अंतरराष्ट्रीय पहचान को ओर मजबूत बनाने की दिशा में भी मददगार साबित होगी।

खानूगांव के किनारे से स्थानीय नागरिक और पर्यटक सीधे तौर पर इन रोमांचक मुकाबलों का आनंद उठा सकेंगे। खानूगांव का इलाका इन दिनों रंगीन रोशनी, सजावट और गतिविधियों से गुलजार है। झील के किनारे खड़े दर्शक नाविकों की नावों को हवा की गति के साथ तैरते हुए इन दिनों दिखाई दे रहे हैं। वहीं, इस आयोजन का महत्व खेल से कहीं अधिक माना जा रहा है क्योंकि यह भोपाल की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन दोनों को नई पहचान देगा।

1996 से सेलिंग प्रतियोगिताएं बड़ी झील में हुईं थीं शुरू

बड़ी झील का खेल इतिहास गौरवशाली रहा है। वर्ष 1996 से यहाँ सेलिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन शुरू हुआ। साल 2006 में नेशनल सेलिंग स्कूल की स्थापना ने इसे संस्थागत स्वरूप दिया और 2016 में आर्मी एडवेंचर नोडल सेंटर विंड सर्फिंग की शुरुआत हुई। इन पहल ने प्रदेश के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई। अब तक मध्य प्रदेश के नाविक 141 राष्ट्रीय और 4 अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुके हैं।

विध्यांशी और नेहा बन चुकी हैं, सेलिंग की राष्‍ट्रीय पहचान

इस चैम्पियनशिप को लेकर सबसे अधिक चर्चा उन युवा नाविकों की है जिन्होंने हाल के वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है। भोपाल की विध्यांशी मिश्रा ने पिछले वर्ष मुंबई में आयोजित सीनियर नेशनल सेलिंग चैम्पियनशिप 2024 में आईक्यू फ्वॉयल वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। वहीं, नेहा ठाकुर ने आईएलसीए6 वर्ग में रजत पदक हासिल किया और लगातार अपने प्रदर्शन से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। नेहा ठाकुर इससे पहले अबू धाबी में आयोजित एशियन सेलिंग चैंपियनशिप में भी पदक जीत चुकी हैं और देश का नाम रोशन कर चुकी हैं।

इनके अलावा मध्य प्रदेश की सेलिंग अकादमी से जुड़े अन्य नाविक भी लगातार अच्छे परिणाम दे रहे हैं। इन खिलाड़ियों की उपस्थिति से इस बार की चैम्पियनशिप और भी खास होने की संभावना जताई गई है। एक नजरिए से मध्य प्रदेश जलक्रीड़ा के क्षेत्र में अब देश का सिरमौर बनने की ओर बढ़ रहा है। बड़ी झील की लहरें एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार हैं और भोपाल खेल प्रेमियों का केंद्र बनकर उभर रहा है।

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(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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