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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पूर्व स्पिनर दिलीप दोशी के निधन पर जताया शोक

पूर्व भारतीय स्पिनर दिलीप दोशी

नई दिल्ली, 24 जून (Udaipur Kiran) । भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत के पूर्व क्रिकेटर और अनुभवी बाएं हाथ के स्पिनर दिलीप दोशी के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। दोशीका सोमवार को लंदन में निधन हो गया, जहां वह कई दशकों से निवास कर रहे थे। वह 77 वर्ष के थे और हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे।

दोशी ने भारतीय क्रिकेट के 1970 के दशक की प्रसिद्ध स्पिन चौकड़ी के बाद भारतीय टीम में कदम रखा और 32 वर्ष की उम्र में टेस्ट पदार्पण किया। उनकी बाएं हाथ की पारंपरिक गेंदबाजी शैली ने उन्हें खास पहचान दिलाई। दिलीप दोशी ने भारत के लिए 33 टेस्ट मैचों में 114 विकेट चटकाए, जिनमें 6 बार पांच विकेट लेने का कारनामा शामिल है। उन्होंने 15 वनडे मैचों में 22 विकेट भी लिए, जिसमें 3.96 की किफायती इकॉनमी रेट रही। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में सौराष्ट्र, बंगाल, वारविकशायर और नॉटिंघमशायर का प्रतिनिधित्व किया और 238 प्रथम श्रेणी मैचों में 898 विकेट अपने नाम किए।

नॉटिंघमशायर में खेलते समय वेस्टइंडीज के दिग्गज गारफील्ड सोबर्स का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा। 1980 के दशक में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा और बाद में अपनी आत्मकथा ‘स्पिन पंच’ में अपने क्रिकेट करियर की गहराई से झलक पेश की। उनकी यादगार उपलब्धियों में 1981 के मेलबर्न टेस्ट में लिया गया पांच विकेट हॉल भी शामिल है, जिसने भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।

बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, दिलीप दोशी के निधन की खबर से हम बेहद दुखी हैं। वह स्पिन गेंदबाज़ी के सच्चे कलाकार थे। मैदान के भीतर और बाहर दोनों जगह एक सच्चे सज्जन और भारतीय क्रिकेट के समर्पित सेवक थे। उन्होंने अपनी कला और समर्पण से एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया। उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। हम उनके परिवार और क्रिकेट समुदाय के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हैं।

बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा, दिलीप दोशी एक असाधारण क्रिकेटर और एक महान इंसान थे। उनके हर डिलीवरी में क्रिकेट के प्रति उनका जुनून झलकता था। शांत स्वभाव के बावजूद उनमें एक जबरदस्त प्रतिस्पर्धात्मक भावना थी। उन्होंने भारत के स्पिन आक्रमण को एक अहम दौर में मजबूती दी। एक क्लासिकल स्पिनर और एक उम्दा इंसान के रूप में उनका नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा दर्ज रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।

दिलीप दोशी के निधन से भारतीय क्रिकेट ने एक सच्चा रत्न खो दिया है, जिसकी भरपाई संभव नहीं। क्रिकेट जगत और उनके चाहने वालों के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है।

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(Udaipur Kiran) दुबे

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