Uttar Pradesh

भाजपा के शिखर पुरुष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का प्रथम लक्ष्य राष्ट्रीय एकता की स्थापना : दिनेश बाजपेई

डॉ. श्यामा प्रसाद मुख़र्जी की संगोष्ठी का आयोजन

कानपुर, 23 जून ( हि. स.)। भाजपा के शिखर पुरुष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का प्रथम लक्ष्य राष्ट्रीय एकता की स्थापना था। उन्होंने भारतीय जनसंघ के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ कश्मीर सत्याग्रह के लिए अभियान प्रारंभ किया। इसके लिए उन्हें प्राण भी त्यागने पड़े। कश्मीर में धारा 370 समाप्त कर एक देश में एक प्रधान, एक विधान, एक निशान की भावनाओं को सम्मान करने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की एनडीए सरकार ने किया है। यह बातें सोमवार को भाजपा फतेहपुर जिले के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश बाजपेई भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर भाजपा दक्षिण जिला इकाई द्वारा आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि कही।

दिनेश बाजपेई ने बताया कि देश में 1947 में आजादी मिलने और 1950 ने संविधान लागू होने के तत्काल बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने देश के संविधान में धारा 370 जोड़कर राष्ट्रीय अखंडता को गंभीर चोट पहुंचाने का कुत्सित प्रयास किया। डॉ. मुख़र्जी उस समय उद्योग व खाद्य मंत्री के रूप में देश की सेवा कर रहे थे, लेकिन सरकार की मंशा को ध्यान में रखकर उन्होंने पद छोड़ दिया और देश की प्रतिष्ठा व अखंडता के लिए कश्मीर में धारा 370 हटाने के लिए व्यापक आंदोलन शुरू किया।

विधायक महेश त्रिवेदी ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के एक देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान नहीं हो सकते के विचार ने देश के युवाओं को एक नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने डॉ. मुखर्जी के सपनों को साकार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को साकार किया गया है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत को एक सूत्र में पिरोने का जो सपना डॉ. मुखर्जी ने देखा था, वह आज साकार हुआ है। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के साथ ही कश्मीर से अलगाववाद और आतंकवाद का अंत हुआ है। डॉ. मुखर्जी के बलिदान को देश कभी भुला नहीं सकता।

पूर्व विधायक रघुनंदन सिंह भदौरिया ने डॉ मुखर्जी को भारत माता का महान सपूत, प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और अखंड भारत का सपना देखने वाला बताया। पूर्व जिलाध्यक्ष कौशल किशोर दीक्षित ने कहा कि डॉ मुखर्जी सदैव भारत के सुनहरे भविष्य की कल्पना करते थे। राष्ट्रीय एकता के लिए उनके किए गए कामों को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि तो प्रधानमंत्री मोदी व गृहमंत्री अमित शाह ने पांच अगस्त 2019 को धारा 370 को हटाने के प्रस्ताव को संसद में पास कर उसी दिन दे दी थी। क्योंकि भारत वासियों को कश्मीर वापस दिलाने का सपना उन्होंने ही भारत वासियों को दिखाया था। जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है की मांग अब पूरी हो गई है। छह जुलाई 1901 में बंगाल के कलकत्ता शहर में जन्मे डॉ मुखर्जी एक विचारक तथा प्रखर शिक्षाविद थे ,वे सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक एवं सिद्धांत वादी थे। डॉ मुखर्जी ने संसद में भी धारा 370 को समाप्त करने की जोरदार वकालत की थी।

मुख्य अतिथि दिनेश बाजपेई, विधायक महेश त्रिवेदी एवं रघुनंदन सिंह भदौरिया ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र के सम्मुख पुष्पांजलि अर्पित की। प्रमुख रूप से पूर्व सांसद आसकरण शंखवार, दीपांकर मिश्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष रामदेव शुक्ला, विनोद शुक्ला ,विनोद मिश्रा, रीता शास्त्री, विजया तिवारी, पुष्पा तिवारी, गणेश शुक्ला, राजन चौहान,अर्चना आर्या, अनुराग शुक्ला, वंदना गुप्ता, संजय कटियार, शिवपूजन सविता, शिवम मिश्रा, संजय बाजपेई, रमाकांत शर्मा,नरेश कठेरिया आदि मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद

Most Popular

To Top