
मंडी, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने ठेकेदारों को लाभ देने के लिए प्रदेश भर में 1000 करोड़ रुपए के भवन बना दिए। मुख्यमंत्री ने मंडी जिला के करसोग में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के भाजपा नेता एडिशनल बॉरोइंग में अड़ंगे लगा रहे हैं जबकि उनके कार्यकाल में इसकी अनुमति दी गई।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया, लेकिन इस निर्णय के परिणामस्वरूप केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर प्रतिबंध लगा दिए। केंद्र ने राज्य की ऋण सीमा में 1600 करोड़ रुपए की कटौती की है। उन्होंने कहा कि सभी दबावों के बावजूद कांग्रेस सरकार ओपीएस से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बार-बार पूछते हैं कि महिलाओं को 1500 रुपए कब मिलेंगे। मैं कहना चाहता हूं कि हम व्यवस्था परिवर्तन से आगे बढ़ रहे हैं और सरकार शीघ्र ही सभी पात्र महिलाओं को 1500 रुपये पेंशन प्रदान करेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार ने ठेकेदारों को लाभ देने के लिए प्रदेश भर में 1000 करोड़ रुपए के भवन बना दिए। उन्होंने कहा कि सराज विधानसभा क्षेत्र के के छतरी में 40 करोड़ रुपए की लागत से आईटीआई भवन बनाया गया, जिसमें आज मात्र 18 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार लूट के दरवाजे बंद करके आम लोगों के लिए योजनाएं लेकर आ रही है।
भाजपा पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली डबल इंजन सरकार ने प्रदेश का खजाना खाली किया और प्रदेश की संपदा को लुटा दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को पिछली सरकार से 50 हज़ार करोड़ रुपये कम मिले, लेकिन इसके बावजूद सरकार पूरी गति से हिमाचल प्रदेश को विकास के पथ पर अग्रसर कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए धन को लुटाया लेकिन हमारी सरकार प्रदेश की जनता का पैसा, जनता की भलाई के लिए खर्च कर रही है।
उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार की ग़लत नीतियों के कारण गुणात्मक शिक्षा के मामले में हिमाचल प्रदेश वर्ष 2021 में 21वें स्थान पर पहुंच गया। भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए जगह-जगह स्कूल खोल दिए, लेकिन वहां न स्टाफ दिया और न ही विद्यार्थियों को अन्य सुविधाएं दी गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने स्कूलों में 6000 अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिनमें से 3000 अध्यापकों की बैच वाइज भर्ती की जा चुकी है। शिक्षा के क्षेत्र में किए गए सुधारों के फलस्वरूप हिमाचल गुणात्मक शिक्षा के मामले में 5वें स्थान पर पहुंच गया है।
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने के प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने दूध के दाम में ऐतिहासिक वृद्धि की है। राज्य सरकार किसानों से गोबर की खरीद कर रही है। इसके अलावा प्राकृतिक खेती से उत्पन्न गेहूं, मक्की और कच्ची हल्दी को क्रमशः 60, 40 तथा 90 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है। राज्य सरकार ने दो वर्षों में मनरेगा की दिहाड़ी में 80 रुपये की बढ़ौतरी की है, ताकि गांव के लोगों को लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए। मेडिकल कॉलेजों में लगी 20 वर्ष पुरानी मशीनों से मरीज़ों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा था। इसके विपरीत वर्तमान राज्य सरकार स्वास्थ्य संस्थानों में आधुनिक मशीनें और उपकरण लगा रही है। स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए दो साल में वर्तमान राज्य सरकार ने 200 डॉक्टरों की भर्ती की है और आने वाले समय में 200 डॉक्टर और भर्ती किए जाएंगे। आज चमियाणा अस्पताल तथा टांडा मेडिकल कॉलेज में मरीज़ों को रोबोटिक सर्जरी की सुविधा मिल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कानून बनाकर 27 वर्ष तक के 6 हज़ार अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है, जिसके तहत उनकी पढ़ाई और देखरेख की जिम्मेदारी सरकार उठा रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विधवा एवं एकल नारी आवास योजना के तहत 12 लाभार्थियों को 1.50-1.50 लाख रुपये की पहली किश्त के रूप में 18 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। योजना के तहत पात्र विधवाओं एवं एकल नारियों को घर बनाने के लिए तीन-तीन लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत घर बनाने के लिए चार चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट को एक-एक लाख रुपए की दूसरी किश्त प्रदान की। योजना के तहत घर बनाने के लिए 3 लाख रुपए की मदद दी जाती है। इसी योजना के तहत एक पात्र भूमिहीन चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट को भूमि के काग़ज़ात भी प्रदान किए। उन्होंने 10वीं कक्षा की दो मेधावी छात्राओं प्रज्ञा ठाकुर और हिमानी ठाकुर को सम्मानित भी किया।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
