जम्मू, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । भारत के स्वतंत्रता संग्राम की भावना को प्रज्वलित करने वाले अमर भजन “वंदे मातरम” की 150वीं वर्षगांठ पर भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक आज एक भव्य समारोह में एकत्र हुए। कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने इस गीत के ऐतिहासिक महत्व, स्वतंत्रता आंदोलन में इसकी प्रेरक भूमिका और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में इसकी स्थायी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता आर.एल. कैथ ने अपने संबोधन में कहा कि वंदे मातरम 1875 में रचा गया था और शीघ्र ही यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम का उद्घोष बन गया। इस भजन ने बंकिमचंद्र चटर्जी, महात्मा गांधी और सुभाषचंद्र बोस जैसे महान नेताओं को प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि यह गीत भारत की एकता, विविधता और मातृभूमि के प्रति अटूट प्रेम का प्रतीक है जो भाषाई, धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में बांधता है।
कैथ ने कहा कि “वंदे मातरम” भारत की धरती, विरासत और अटूट संकल्प को समर्पित एक शाश्वत श्रद्धांजलि है। इसकी 150वीं वर्षगांठ देश के लिए चिंतन, कृतज्ञता और नवप्रेरणा का अवसर है। कार्यक्रम के अंत में भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने वंदे मातरम की अमर भावना को नई पीढ़ियों तक पहुंचाने और देशभक्ति की इस ज्योति को सदैव प्रज्वलित रखने का संकल्प लिया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा