
कोलकाता, 09 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि भाजपा राज्य की मतदाता सूची से फर्जी मतदाताओं, विशेष रूप से बांग्लादेश से आए अवैध घुसपैठियों के नाम हटाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय को पूर्ण सहयोग देगी।
अधिकारी ने दावा किया कि उनके अनुमान के अनुसार राज्य में लगभग एक करोड़ फर्जी मतदाता मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में सीमाएं पूरी तरह से बाड़ से सुरक्षित नहीं हैं, जिसके कारण बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ हुई। इन घुसपैठियों ने धीरे-धीरे राज्य में बसने के बाद फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपने नाम मतदाता सूची में शामिल करा लिए। हम चाहते हैं कि इन सभी नामों को हटाया जाए ताकि मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध और पारदर्शी हो।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा बतौर प्रमुख विपक्षी दल और वे स्वयं बतौर नेता प्रतिपक्ष इस प्रक्रिया में आयोग का हरसंभव सहयोग करेंगे। उन्होंने जोड़ा, हम तब तक सतर्क रहेंगे जब तक अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित नहीं हो जाती।
अधिकारी का यह बयान उस समय आया है जब केंद्रीय निर्वाचन आयोग की टीम, उप चुनाव आयुक्त ज्ञानेश भारती के नेतृत्व में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) की तैयारियों का जायजा लेने बंगाल पहुंची है।
सूत्रों के अनुसार, एसआईआर की प्रक्रिया 15 अक्टूबर के बाद शुरू होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अक्टूबर में त्योहारों के कारण इस प्रक्रिया को शुरू करने की व्यावहारिकता पर सवाल उठाया है। गौरतलब है कि, पश्चिम बंगाल में अंतिम बार एसआईआर वर्ष 2002 में आयोजित की गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा था, “क्या त्योहारों के बीच इस माह में एसआईआर शुरू करना संभव है? क्या निर्वाचन आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है या वह जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करेगा?”
वहीं, भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एसआईआर का विरोध इसलिए कर रही हैं ताकि अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए मतदाता सूची में बने रहें। ———————-
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
