मालदा, 28 अगस्त, (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में राज्यपाल ने मालदा में गौड़बंग विश्वविद्यालय के कुलपति पवित्र चटर्जी को कर्तव्यों का पालन न करने और भ्रष्टाचार के आरोप काे लेकर उनकाे पद से हटा दिया है। इस मामले काे लेकर गुरुवार को प्रदेश में सत्तारूढ़ दल अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आमने-सामने आ गए हैं। तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर समानान्तर सरकार चलाने का आराेप लगाया है।
कुलपति को अचानक हटाए जाने पर तृणमूल छात्र परिषद के जिलाध्यक्ष प्रसून रॉय ने कहा कि राज्यपाल समानांतर प्रशासन चलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे निर्देश जानबूझकर जारी किए गए हैं क्योंकि कुलपति उनसे नियंत्रित नहीं हो रहे हैं या उनका सिर झुक नहीं रहा है।
भाजपा का आराेप है कि राज्य के कई विश्वविद्यालयों के कुलपति भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। कुलाधिपति होने के नाते, राज्यपाल के पास कोई खास शिकायत रही होगी। उन्होंने उसी आधार पर कार्रवाई की है।
जबकि सूत्रों के अनुसार, गौड़बंग विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 2017 से आयोजित नहीं हुआ है। कुलाधिपति (राज्यपाल) ने कुलपति को बीते 25 अगस्त को मालदा स्थित गौड़बंग विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद कुलपति पवित्र चटर्जी ने राज्यपाल को सूचित किया था कि इतने कम समय में दीक्षांत समारोह आयोजित करना संभव नहीं है। इसके अलावा, दीक्षांत समारोह के आयोजन के लिए कार्यकारी परिषद की बैठक अनिवार्य है, वह भी नहीं हुई।
राज्यपाल इस मामले से नाखुश थे। इसी बीच, विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के बेटे का परीक्षा परिणाम रोके जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। मामले में प्रदेश के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने हस्तक्षेप किया था। बताया जा रहा है कि कुलपति तृणमूल के पार्टी कार्यालय जाकर शिक्षा मंत्री से मुलाकात की। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके बाद ही बुधवार को अचानक कुलपति काे उनके पद से हटा दिया गया।
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(Udaipur Kiran) / गंगा
