
शिमला, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि हिमाचल प्रदेश में कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) की दुकानों और सीए स्टोर के आवंटन में करोड़ों रुपये का महाघोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि विभाग के सचिव ने नियमों को ताक पर रखकर अपने रिश्तेदारों को कौड़ियों के भाव दुकानें बांटीं और कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री के इशारे पर यह बंदरबांट की है।
संदीपनी भारद्वाज ने बुधवार को पत्रकारवार्ता में कहा कि एपीएमसी में जितनी भी दुकानें आवंटित हुई हैं, वे आवंटन पॉलिसी के विपरीत हैं। भाजपा मांग करती है कि इन दुकानों के आवंटन पर तुरंत रोक लगाई जाए और पूरी पारदर्शिता के साथ पुनः आवंटन किया जाए। आरोप लगाया गया कि विभाग की तत्कालीन सचिव पवन सैनी ने अपने रिश्तेदार अनिरुद्ध सैनी को शिलारू में शॉप नंबर 27 मात्र 2,850 रुपये प्रतिमाह में आवंटित की, जबकि भाजपा शासन में ऐसी दुकानें 25,000 से 80,000 रुपये प्रतिमाह तक आवंटित होती थीं।
उन्होंने बताया कि पराला मंडी में 34 दुकानों के लिए 52 आवेदन आए, जिनमें से 18 को बिना कारण खारिज कर दिया गया। टूटू में 8 दुकानों के लिए 17 आवेदन आए, जिनमें 9 रिजेक्ट हुए। इसी तरह शिलारू में 28 दुकानों के लिए 64 आवेदन आए, जिनमें से 36 खारिज कर दिए गए। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इतने आवेदन क्यों रिजेक्ट हुए।
नियमों में बदलाव का आरोप लगाते हुए भारद्वाज ने कहा कि 25% दुकानें स्थानीय फल उत्पादकों, 50% होलसेल व्यापारियों और 10% सहकारी संस्थाओं को मिलनी थीं। कुछ दुकानें ऑर्गेनिक फल व दवाइयों के लिए आरक्षित थीं, लेकिन प्रक्रिया में इन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।
सीए स्टोर आवंटन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पराला मंडी का 100 करोड़ रुपये लागत का सीए स्टोर, जिससे हर साल 10 करोड़ की आमदनी हो सकती थी, लुधियाना की एक कंपनी अरमान एंटरप्राइज को मात्र 3.36 करोड़ रुपये में दे दिया गया। समझौता 19 जुलाई 2025 को हुआ, लेकिन 6.70 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी अब तक जमा नहीं हुई है। उन्होंने आशंका जताई कि इसमें भी ‘बातचीत’ चल रही है।
बेस प्राइस में हेरफेर के आरोप में भारद्वाज ने बताया कि दुकानों से लेकर सीए स्टोर तक आवंटन राशि बेस प्राइस से सिर्फ 1% ऊपर रखी गई। सीए स्टोर का बेस प्राइस 3.35 करोड़ था, आवंटन 3.36 करोड़ में हुआ। पराला मंडी की दुकानों का बेस प्राइस 4,510 रुपये था, जो 4,600 रुपये में आवंटित हुईं। टूटू की दुकानों का बेस प्राइस 5,157 और 8,057 रुपये था, जबकि आवंटन क्रमशः 5,300 और 9,500 रुपये में हुआ। शिलारू की दुकानों का बेस प्राइस 2,700 रुपये था, जिसे 2,850 रुपये में आवंटित किया गया।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
