
– पंजाब विशेष विधानसभा सत्र में केंद्र सरकार के विरूद्ध प्रस्ताव पर बहस हुई
चंडीगढ़, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । पंजाब में बाढ़ के मुद्दे पर सोमवार को बुलाये गए विशेष विधानसभा सत्र में केंद्र सरकार के विरूद्ध प्रस्ताव पर बहस हुई।
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने समानांतर विधानसभा लगाकर पंजाब सरकार पर बाढ़ राहत प्रबंधों में फेल रहने का प्रस्ताव पारित किया।
भाजपा की मॉक विधानसभा को जनता की विधानसभा का नाम दिया गया है और चरणजीत सिंह अटवाल को स्पीकर बनाया गया है। इसमें शामिल भाजपा नेताओं का कहना है कि वह जनता के साथ हो रहे धोखे, ज्यादतियों, नुकसान, बाढ़ के कारण, कैग रिपोर्ट और पैसों के हिसाब-किताब पर तथ्यों के साथ लोगों से चर्चा कर रहे हैं। पंजाब भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा भी यहां पहुंचे हैं। इसकी शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। इसके बाद बाढ़ में मारे लोगों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट खड़े होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। समानांतर विधानसभा में पंजाब सरकार की निंदा का प्रस्ताव लाया गया।
स्पीकर बने चरणजीत अटवाल ने कहा कि पंजाब में बाढ़ की वजह नहरों की समय पर रिपेयरिंग न होना है। यह आम आदमी पार्टी की जिम्मेदारी थी। सीनियर नेता तरुण चुग ने कहा कि सरकार ने बाढ़ रोकने के लिए क्या-क्या किया, इसका हिसाब देना चाहिए। इसकी सीबीआई जांच भी होनी चाहिए। अटवाल ने कहा कि पंजाब सरकार के पास पहले से 12 हजार करोड़ रुपये पड़े हुए हैं, लेकिन उन्होंने बाढ़ के दौरान उनका उपयोग नहीं किया।
भाजपा नेता तरुण चुग ने कहा कि पंजाब सरकार को जनवरी से सितंबर तक का हिसाब देना चाहिए कि उन्होंने बाढ़ को रोकने के लिए क्या-क्या काम किया। अश्विनी शर्मा ने कहा कि जब विधानसभा की मान-मर्यादा तार-तार हो जाए, स्पीकर अपना फर्ज भूल जाएं, सत्ता पक्ष जनता की आवाज का मजाक बनाने लगे और सरकार जनता के जख्मों पर मरहम की जगह नमक छिडक़ने लगे तो आवाज उठाना जरूरी है।
पूर्व वित्त मंत्री एवं भाजपा नेता मनप्रीत बादल ने कहा कि चुटकुलों से पंजाब की तकदीर नहीं बदलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार डेढ़ लाख करोड़ रुपये की नई स्कीम लाई है। सरकार पर पहले से ही बहुत कर्जा है। इन पर 2000 करोड़ रुपये का कर्ज इसलिए हुआ, क्योंकि पंजाब सरकार की ओर से प्रपोजल ही नहीं भेजा गया।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
