West Bengal

पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा, भाजपा विधायकों ने किया वॉकआउट

भाजपा विधायकों का प्रदर्शन

कोलकाता, 20 जून (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल विधानसभा में शुक्रवार को नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ स्पोर्ट्स एंड एंटरप्रेन्योरशिप विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान भारी हंगामा हुआ, जिसके बाद भाजपा के लगभग 20 विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

हंगामे की शुरुआत उस समय हुई जब भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने इस विधेयक पर बोलना शुरू किया। इससे पहले शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने सदन में यह विधेयक पेश किया था। घोष के बोलते ही मंत्री बाबुल सुप्रियो ने उन्हें टोकते हुए पूछा कि जब वे और उनके साथी विधायक पिछली कार्यवाही के दौरान मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के उत्तर के समय सदन से बाहर चले गए थे, तो तृणमूल कांग्रेस के विधायक अब उन्हें क्यों सुनें।

सुप्रियो के समर्थन में तृणमूल के सौ से अधिक विधायक अपनी सीटों से खड़े हो गए। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने घोष को बोलने की अनुमति देते हुए कहा कि कल मुझे आपकी और अन्य भाजपा विधायकों की टिप्पणियां हटानी पड़ीं क्योंकि आप मंत्री के उत्तर के दौरान सदन से चले गए थे। यह सदन का अपमान था। लेकिन मैं चाहता हूं कि सदन ठीक से चले, इसलिए मैं आपको बोलने की अनुमति दे रहा हूं।

इसके बावजूद तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष, मंत्री अरूप विश्वास, चंद्रिमा भट्टाचार्य और बाबुल सुप्रियो समेत अन्य विधायकों ने भाजपा के रवैये का विरोध जारी रखा। अध्यक्ष ने स्थिति शांत कराने की कोशिश की, लेकिन हंगामा जारी रहा और अंततः भाजपा के करीब 20 विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

बाद में विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए शंकर घोष ने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। यह सत्तारूढ़ दल की असहिष्णुता को दर्शाता है। मेरी बात रखने के लिए नामित किया गया था, लेकिन तृणमूल कांग्रेस लोकतंत्र को नहीं चलने देना चाहती। उन्होंने विपक्ष को बोलने नहीं दिया और अध्यक्ष ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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